क्षत्रिय समाज की चेतावनी, प्रदेश में नहीं चलने देंगे फिल्म 'पद्मावती'

 रविवार सुबह सेक्टर-62 स्थित सम्राट पृथ्वीराज चौहान भवन में संजय लीला भंसाली की फिल्म पद्मावती के प्रदर्शन पर रोक लगाने को लेकर एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई;

Update: 2017-11-14 11:53 GMT

नोएडा।  रविवार सुबह सेक्टर-62 स्थित सम्राट पृथ्वीराज चौहान भवन में संजय लीला भंसाली की फिल्म पद्मावती के प्रदर्शन पर रोक लगाने को लेकर एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई।

जिसमें उत्तर प्रदेश में फिल्म को दिखाने पर रोक लगाने की मांग पर सहमति बनी। बैठक के बाद संजय लीला भंसाली का पुतला फूंका व मुख्यमंत्री के नाम सिटी मजिस्ट्रेट के द्वारा ज्ञापन सौंपा गया। जिसमें सभी क्षत्रिय समाज के लोग, सामाजिक संगठनों ने हिस्सा लिया। 
वीर कुंवर सिंह शोध संस्थान के अध्यक्ष मान सिंह चौहान ने जानकारी देते हुए बताया कि संजय लीला भंसाली द्वारा प्रदर्शित होने वाली फिल्म पद्मावती में महान वीरांगना महारानी पद्मावती के जीवन पर आधारित विवादित फिल्म बनाई गई है।

फिल्म के ट्रेलर में महारानी के आपत्ति जनक दृश्य दिखाए गए हैं। इससे न केवल राजपूत समाज बल्कि पूरी भारतीय संस्कृति को बदनाम करने का प्रयास किया गया है। ट्रेलर के अनुसार उन करोंड़ों बलिदानी संध के स्वयं सेवकों का अपमान हो रहा है जिन्होंने पूरे जीवन हिन्दूत्व के सम्मान के लिए कार्य किया।

इसी के साथ भारत माता और देश का भी अपमान हुआ है। भारत माता पर अपना सब कुछ लुटा देने वालों का अपमान नहीं सहा जाएगा। इसी विरोध को लेकर क्षत्रिय समाज व अन्य सामाजिक संगठन ने रविवार को  बैठक  बाद दोपहर को सेक्टर-19 में सिटी मजिस्ट्रेट को ज्ञापन दिया।  ज्ञापन में मुख्यमंत्री से मांग की गई की फिल्म को उत्तरप्रदेश  ना चलने दिया जाए। 

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