कोविंद ने अदालती फैसले क्षेत्रीय भाषाओं में देने पर दिया जोर

राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने न्यायालयों के फैसलों का क्षेत्रीय भाषाओं में अनुवाद कराने, कानूनी साक्षरता बढ़ाने और कानूनी नियमों को सरल बनाने की आवश्यकता पर जोर दिया है;

Update: 2019-07-13 14:49 GMT

चेन्नई। राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने न्यायालयों के फैसलों का क्षेत्रीय भाषाओं में अनुवाद कराने, कानूनी साक्षरता बढ़ाने और कानूनी नियमों को सरल बनाने की आवश्यकता पर जोर दिया है। 

 कोविंद ने आज यहां तमिलनाडु अंबेडकर लॉ विश्वविद्यालय के विशेष दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि न केवल लोगों को न्याय दिलाना महत्वपूर्ण है, बल्कि यह भी कि वे जिस भाषा को जानते-समझते हैं, उसी भाषा में उन्हें मुकदमे की जानकारी दी जा सके।

उन्होंने उच्चतम न्यायालय की ओर से विभिन्न क्षेत्रीय भाषाओं में फैसले की प्रति जारी करने के आदेश का समर्थन करते हुए कहा, “ शायद एक प्रणाली विकसित की जा सकती है जिसके तहत निर्णयों की प्रमाणित प्रतियां स्थानीय या क्षेत्रीय भाषा में उच्च न्यायालयों द्वारा उपलब्ध कराई जायें।” उन्होंने कहा, “मैंने यह सुझाव अक्टूबर 2017 में केरल के कोच्चि में उच्च न्यायालय के हीरक जयंती समारोह को संबोधित करते हुए दिया था।”

राष्ट्रपति ने कहा,“ कुछ दिनों बाद मैंने छत्तीसगढ़ का दौरा किया, जहाँ मैंने छत्तीसगढ़ के तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश टी बी राधाकृष्णन के साथ इस पर विचार एवं चर्चा की, जो अब कलकत्ता उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश हैं। कुछ ही दिनों के भीतर, छत्तीसगढ़ के उच्च न्यायालय ने सुझाव को लागू कर दिया, और तब से मुकदमे से प्रभावित लोग छत्तीसगढ़ के उच्च न्यायालय के फैसलों की अनूदित प्रतियों का हिंदी में उपयोग कर सकते हैं।”

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