कर्नाटक के मुख्यमंत्री विवाद पर बोले खरगे, "हमारी पूरी टीम है अकेले नहीं रहते हैं, हाईकमान के साथ चर्चा करके निर्णय लेंगे
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री विवाद पर कहा, "हमारी पूरी टीम है अकेले नहीं रहते हैं;
"हमारी पूरी टीम है अकेले नहीं रहते हैं, हाईकमान के साथ चर्चा करके निर्णय लेंगे : खरगे
बेंगलुरु: कर्नाटक में मुख्यमंत्री बदलने की मांग को लेकर खींचतान जारी हैं। सूत्रों के अनुसार, कर्नाटक कांग्रेस में राजनीति इन दिनों काफी तेज हो चुकी है। उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार के समर्थक विधायक मुख्यमंत्री बदलने की मांग को लेकर पिछले कुछ दिनों से दिल्ली में कांग्रेस आलाकमान का दरवाजा खटखटा रहे थे।
इस बीच कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री विवाद पर कहा, "हमारी पूरी टीम है अकेले नहीं रहते हैं। हमारी पूरे हाई कमान की टीम बैठकर चर्चा करके निर्णय लेगी।"
खरगे ने आगे कहा, "मैं सभी को बुलाकर एक बार चर्चा करूंगा जिसमें राहुल गांधी और हमारे दूसरे अन्य सदस्य भी मौजूद रहेंगे और इन सभी के साथ चर्चा करने के बाद निर्णय होगा।"
इससे पहले भी खरगे ने बेंगलुरू में स्थानीय नेताओं के साथ बैठकों की थी। कर्नाटक में मुख्यमंत्री बदलाव पर खरगे ने कहा था कि जल्दबाजी में कोई कदम नहीं उठाया जाएगा।
कर्नाटक सीएम विवाद पर कर्नाटक के मंत्री प्रियांक खरगे ने कहा, " बीजेपी कुछ भी कह सकते हैं। वे इतने परेशान क्यों हैं? हम यहां जनता के मुद्दों को सुलझाने के लिए हैं। हम चुनी हुई सरकार हैं, सुलझाने के लिए कोई मुद्दा नहीं है "
कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार के बयान पर कांग्रेस नेता राशिद अल्वी बोले , " हर राजनीतिक पार्टी में ऐसी उथल-पुथल चलती रहती है। हम जानते हैं कि राजस्थान में वसुंधरा राजे के साथ क्या हुआ। हमें कर्नाटक की चिंता है। कांग्रेस पार्टी के हेड राहुल गांधी नहीं बल्कि मल्लिकार्जुन खरगे हैं; उन्हें इस मुद्दे को जल्द से जल्द सुलझाना चाहिए"
बिहार के राजद नेता मृत्युंजय तिवारी ने कहा, "कर्नाटक के घटनाक्रम पर कांग्रेस आलाकमान की नजर है। कर्नाटक मल्लिकार्जुन खरगे का गृह राज्य है। वहां सब ठीक है। भाजपा कर्नाटक में भी खेल करना चाहती है। यह लोकतंत्र पर खतरा है। "
विधायकों का मानना है कि पार्टी में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है आलाकमान को इस मामले में फैसला लेना चाहिए। ये विधायक आलाकमान के जवाब का इंतजार कर रहे हैं।
सूत्रों के मुताबिक, विधायकों का गुस्सा बजट आवंटन, टिकट वितरण और सत्ता में साझेदारी जैसे मुद्दों को लेकर है।