कर्नाटक में शराब पर सियासी संग्राम: भाजपा-जेडीएस ने सरकार को घेरा
कर्नाटक में छोटे राशन दुकानों और किराना स्टोर्स में शराब की उपलब्धता को लेकर विधानसभा में तीखी बहस छिड़ गई;
छोटी दुकानों में शराब बिक्री पर हंगामा, विपक्ष बोला– अब होम डिलीवरी भी कर दो!
- सिद्दारमैया सरकार पर विपक्ष का वार: बच्चों तक पहुंच रही शराब
- कर्नाटक विधानसभा में शराब पर गरमागरमी, विपक्ष ने लगाए गंभीर आरोप
- शराब बिक्री लक्ष्य पर बवाल, भाजपा-जेडीएस ने सरकार को घेरा
बेलगावी। कर्नाटक में छोटे राशन दुकानों और किराना स्टोर्स में शराब की उपलब्धता को लेकर विधानसभा में तीखी बहस छिड़ गई। विपक्षी दल भाजपा और जेडीएस ने सिद्दारमैया सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए तंज कसा कि अगर यही हाल है तो सरकार शराब की होम डिलीवरी भी शुरू कर दे।
प्रश्नकाल के दौरान जेडीएस के विधानसभा फ्लोर लीडर सी. बी. सुरेश बाबू ने मामला उठाते हुए कहा कि सरकार एक तरफ गृह लक्ष्मी योजना के तहत महिलाओं को हर महीने 2,000 रुपये देती है और दूसरी तरफ वही पैसा परिवार के पुरुष शराब में खर्च कर रहे हैं।
उन्होंने आरोप लगाया, “गांवों में युवा और यहां तक कि बच्चे शराब के आदी हो रहे हैं। परिवार बर्बाद हो रहे हैं। सरकार को इस पर ध्यान देना चाहिए।”
भाजपा के वरिष्ठ विधायक एस. सुरेश कुमार ने कहा कि सरकार ने लिखित जवाब में स्वीकार किया है कि मामला उनके संज्ञान में है। उनका व्यंग्यात्मक तंज था, “छोटी दुकानों में शराब मिल रही है। क्यों न सरकार ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर शराब बेचकर घर-घर डिलीवरी शुरू कर दे?”
इस पर जवाब देते हुए उत्पाद एवं आबकारी मंत्री आर. बी. तिम्मापुर ने कहा कि सरकार लगातार छापेमारी कर रही है और स्थिति को नियंत्रित किया जा रहा है। बहुत कम मामले दर्ज हुए हैं और उन पर कार्रवाई की जाएगी, लेकिन सुरेश बाबू ने इस दावे को नकारते हुए आरोप लगाया कि सरकार ने आबकारी विभाग के लिए तहसील-वार सेल्स टारगेट तय किए हैं, जिसकी वजह से छोटी दुकानों में शराब बेची जा रही है, और यहां तक कि कक्षा 10 के छात्र भी इसकी चपेट में आ रहे हैं।
मंत्री तिम्मापुर ने फिर कहा कि कोई लक्ष्य निर्धारित नहीं किया गया है। शराब की बिक्री मांग और आपूर्ति पर निर्भर करती है।
भाजपा विधायक वी सुनील कुमार ने आरोप लगाया कि सरकार ने 43,000 करोड़ रुपये का शराब बिक्री लक्ष्य निर्धारित किया है, जिससे विभाग पर अधिक बिक्री का दबाव है। वहीं, मंत्री तिम्मापुर ने इसे गलत बताते हुए कहा कि उनके पास सिर्फ अनुमानित बिक्री आंकड़े हैं।
बहस के दौरान उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार ने कहा कि ऑनलाइन लगभग सब चीजें मिल जाती हैं। शराब भी मिल रही होगी, भले ही अधिकृत रूप से न सही। यह सिस्टम में होता है। उन्होंने कहा कि कोस्टल कर्नाटक में बार लाइसेंस रद्द होने के बाद भी समुद्र तटों पर शराब बेची जा रही है, इसलिए इसे नियमित करने पर चर्चा जरूरी है।
भाजपा विधायक सुरेश कुमार ने आरोप लगाया कि ड्रग्स की सप्लाई स्विगी, जोमैटो जैसे गिग वर्कर्स के जरिए की जा रही है।
इस पर गृहमंत्री जी. परमेश्वर ने जवाब दिया, “यह बहुत गंभीर आरोप है। यदि आपके पास जानकारी है तो सरकार को दें। मुख्यमंत्री ने कर्नाटक को ड्रग-फ्री राज्य बनाने का संकल्प लिया है और हजारों करोड़ के नशीले पदार्थ की जब्ती की गई है।”