जेजीयू ने पर्यावरण अध्ययन के लिए लॉन्च किया नया स्कूल
ओ. पी. जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी (जेजीयू) ने गुरुवार को अपना नौवां स्कूल द जिंदल स्कूल ऑफ एनवायरमेंट एंड सस्टेनेबिलिटी (जेएसईएस) लॉन्च किया;
नई दिल्ली। ओ. पी. जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी (जेजीयू) ने गुरुवार को अपना नौवां स्कूल द जिंदल स्कूल ऑफ एनवायरमेंट एंड सस्टेनेबिलिटी (जेएसईएस) लॉन्च किया। जेजीयू के संस्थापक डीन ने कहा कि यह एक भारतीय विश्वविद्यालय में पहला बहुविषयक पर्यावरण अध्ययन स्कूल है, जो कि प्रसिद्ध पर्यावरणविद् प्रोफेसर अर्मिन रोसेंक्रांज के नेतृत्व में संचालित होगा। अर्मिन इससे पहले विश्व स्तर पर विख्यात स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय में थे।
जेएसईएस के रूप में जेजीयू के नौवें स्कूल की स्थापना भारत और विश्व में पर्यावरण के सामने खड़ी अपार चुनौतियों को कम करने के संदर्भ में एक महत्वपूर्ण कदम है।
हरियाणा के सोनीपत स्थित ओ. पी. जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी के कुलपति सी. राज कुमार ने एक बयान में कहा, "जिंदल स्कूल ऑफ एनवायरमेंट एंड सस्टेनेबिलिटी अत्याधुनिक अनुसंधान के साथ एक बेहतर संस्थान साबित होगा। उन्होंने उम्मीद जताई कियह संस्थान पर्यावरण की दिशा में बेहतर अनुसंधान के लिए भारत और दुनिया का नेतृत्व करेगा।
उन्होंने कहा कि इस स्कूल का लक्ष्य एक रणनीतिक योजना विकसित करना है, जो इस चुनौतीपूर्ण समय में एक स्थायी भविष्य का निर्माण करेगा। जेजीयू कुलपति के अनुसार, जेएसईएस राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के माध्यम से संयुक्त शिक्षण, अनुसंधान कार्यक्रमों और पर्यावरण के मुद्दों पर एक तुलनात्मक परिप्रेक्ष्य को बढ़ावा देगा।
प्रोफेसर कुमार ने कहा, "पर्यावरण अध्ययन के क्षेत्र में बौद्धिक और अकादमिक नेतृत्व प्रदान करने की आवश्यकता है और यही जेएसईएस का संस्थागत लक्ष्य भी है।"
वर्तमान समय में दुनिया को पर्यावरणीय चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, जिससे उद्योग, सरकार, शिक्षाविदों और समुदायों के बीच नवाचार और सहयोग की बड़े स्तर पर आवश्यकता है।
अमेरिका में सुप्रीम कोर्ट ऑफ हवाई के न्यायाधीश माइकल डी. विल्सन ने लॉन्चिग के दौरान कहा, "जिंदल स्कूल ऑफ एनवायरमेंट एंड सस्टेनेबिलिटी की स्थापना भारत और दुनिया के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। हमें भारत को नेतृत्व प्रदान करने की आवश्यकता है।"
बता दें कि जेजीयू को मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा इंस्टीट्यूशन ऑफ एमिनेंस (आईओई) का दर्जा दिया गया है।