झारखंड : भूमि अधिनियम संशोधन के खिलाफ आंदोलन करेगा विपक्ष

झारखंड में संयुक्त विपक्ष ने भूमि अधिग्रहण कानून 2013 में संशोधन के खिलाफ श्रृंखलाबद्ध विरोध प्रदर्शनों की सोमवार को घोषणा की;

Update: 2018-06-19 00:53 GMT

रांची। झारखंड में संयुक्त विपक्ष ने भूमि अधिग्रहण कानून 2013 में संशोधन के खिलाफ श्रृंखलाबद्ध विरोध प्रदर्शनों की सोमवार को घोषणा की। विरोध प्रदर्शन का समापन पांच जुलाई को राज्यव्यापी बंद के साथ होगा। यह निर्णय नेता प्रतिपक्ष झारखंड मुक्ति मोर्चा झामुमो के हेमंत सोरेन के घर पर आयोजित एक बैठक में लिया गया। बैठक में कांग्रेस, राष्ट्रीय जनता दल (राजद), झारखंड विकास मोर्चा-प्रजातांत्रिक और वाम दलों ने हिस्सा लिया।

विपक्षी नेताओं के साथ एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में विरोध प्रदर्शन के कार्यक्रम की घोषणा करते हुए सोरेन ने भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली राज्य सरकार से यह मांग भी की कि वह फरवरी 2017 में आयोजित मोमेंटम झारखंड के बाद निवेशकों को दी गई जमीन पर श्वेत पत्र जारी करे।

सोरेन ने कहा, "राज्य सरकार नवंबर 2000 में राज्य के गठन के बाद जनजातियों की जमीन की हिफाजत करने वाने छोटानागपुर टेनेंसी अधिनियम के तहत आने वाली जमीन पर स्थिति रपट भी जारी करे।"

विपक्षी नेताओं ने विरोध प्रदर्शन कार्यक्रम की घोषणा करते हुए कहा कि 21 जून को ब्लॉक स्तर पर धरना आयोजित किए जाएंगे और सरकार का पुतला दहन किया जाएगा। उसके बाद 25 जून को जिलास्तर पर धरना आयोजित किए जाएंगे और उसके बाद राजभवन पर धरना दिया जाएगा।

इस विधेयक में रेलवे, कॉलेज, सिंचाई, सड़क और अन्य खास परियोजनाओं के लिए भूमि अधिग्रहण के लिए सामाजिक प्रभाव का अध्ययन करने से छूट का प्रावधान है। इसे अगस्त 2017 में विरोध के जोरदार विरोध के बावजूद ध्वनि मत से विधानसभा में पारित कर दिया गया था और इस महीने इसे राष्ट्रपति ने अपनी मंजूरी दे दी है।

राज्य सरकार ने संशोधन को उचित बताते हुए कहा कि सामाजिक प्रभाव के अध्ययन के कारण जन केंद्रित परियोजनाओं में देरी हो रही है।

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