दुमका से रांची लौटने के क्रम में धनबाद में रुके झारखंड गवर्नर संतोष गंगवार

झारखंड के राज्यपाल संतोष गंगवार ने दुमका में स्वतंत्रता दिवस के मौके पर ध्वजारोहण किया। इसके बाद राजधानी रांची लौटने के क्रम में वो धनबाद में रुके;

Update: 2024-08-15 22:16 GMT

धनबाद। झारखंड के राज्यपाल संतोष गंगवार ने दुमका में स्वतंत्रता दिवस के मौके पर ध्वजारोहण किया। इसके बाद राजधानी रांची लौटने के क्रम में वो धनबाद में रुके।

दुमका में ध्वजारोहण के बाद राजधानी रांची लौटने के क्रम में राज्यपाल संतोष गंगवार कोयला राजधानी कहे जाने वाले धनबाद परिसदन में रूके। इस दौरान धनबाद के सांसद और विधायक ने उनका स्वागत किया।

राज्यपाल गंगवार ने पत्रकारों के माध्यम से राज्य की जनता को स्वतंत्रता दिवस की बधाई दी। उन्होंने कहा, हमारा देश आगे बढ़ रहा है और तरक्की कर रहा है। झारखंड की बेहतरी के लिए जो भी संभव कार्य होंगे, किए जाएंगे।

इससे पहले झारखंड के राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार ने 78 वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर राज्य की उपराजधानी दुमका में तिरंगा फहराया। उन्होंने सशस्त्र बलों के परेड की सलामी ली और इसके बाद आयोजित कार्यक्रम में स्वतंत्रता सेनानियों के परिजनों को सम्मानित कर उनके प्रति कृतज्ञता प्रकट की।

उन्होंने परेड में भाग लेने वाले जवानों, उत्कृष्ट कर्मियों को भी सम्मान प्रदान किया।

राज्यपाल ने इस मौके पर अपने संबोधन में आजादी की लड़ाई में शहीद-ए-आजम सरदार भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव, लाला लाजपत राय, उधम सिंह, चन्द्रशेखर आजाद जैसे अमर शहीदों को नमन किया।

उन्होंने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, डॉ राजेन्द्र प्रसाद, पंडित जवाहर लाल नेहरू, सरदार वल्लभभाई पटेल, नेताजी सुभाष चन्द्र बोस, डॉ भीमराव अम्बेडकर, मौलाना आजाद जैसे नेताओं के योगदान का उल्लेख करते हुए कहा कि उनके संघर्ष, त्याग, बलिदान की बदौलत ही आज हम एक समृद्ध राष्ट्र बनने की दिशा में कदम बढ़ा रहे हैं।

राज्यपाल ने भारत सरकार और झारखंड की सरकार की ओर से नागरिकों की बेहतरी के लिए किए जा रहे कार्यों का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि किसी भी देश-राज्य के विकास के लिए बेहतर कानून-व्यवस्था का होना आवश्यक है। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने पुराने ब्रिटिश समय के कानूनों को हटाते हुए तीन नए कानून देश में लागू किए हैं। इन कानूनों का मुख्य उद्देश्य दोषी को सजा और पीड़ितों को न्याय दिलाना है। देश की कानून- व्यवस्था को बेहतर बनाने में यह एक ऐतिहासिक कदम है।

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