जामिया विवाद : सुप्रीम कोर्ट का दखल से इंकार, प्रधान न्यायाधीश ने पूछा, कैसे जली बसें?

सुप्रीम कोर्ट में जामिया मिलिया इस्लामिया (जेएमआई) हिंसा मामले की सुनवाई के दौरान अदालत ने सवाल किया;

Update: 2019-12-17 14:31 GMT

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट में जामिया मिलिया इस्लामिया (जेएमआई) हिंसा मामले की सुनवाई के दौरान अदालत ने सवाल किया कि आखिर बसें कैसे जली? प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) न्यायमूर्ति एस.ए. बोबडे ने कहा, "हमें सरकार के पक्ष में कोई दिलचस्पी नहीं है और अदालत पूरे विवाद में समाचार पत्रों और खबरों पर भी भरोसा नहीं करेगी।"

उच्चतम न्यायालय ने जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय और अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में प्रदर्शनकारी छात्रों के साथ पुलिस के दुर्व्यवहार मामले में सीधे हस्तक्षेप करने से इंकार करते हुए याचिकाकर्ताओं को संबंधित उच्च न्यायालयों में जाने का मंगलवार को निर्देश दिया।

मुख्य न्यायाधीश शरद अरविंद बोबडे, न्यायमूर्ति बी. आर. गवई तथा न्यायमूर्ति सूर्यकांत की खंडपीठ ने सभी याचिकाकर्ताओं और केंद्र सरकार की दलीलें सुनने के बाद सीधे कोई जांच समिति गठित करने से इंकार कर दिया तथा सभी याचिकाकर्ताओं को संबंधित उच्च न्यायालयों के समक्ष जाने को कहा।

खंडपीठ ने कहा कि संबंधित उच्च न्यायालय याचिकाकर्ताओं और केंद्र तथा संबंधित राज्य सरकारों का पक्ष सुनने के बाद तय करेगा कि इस मामले में उच्चतम न्यायालय या उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश के नेतृत्व में जांच समिति गठित की जाए या नहीं?

 

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