इटली ने निपटने यूरोपीय सहयोगियों से मांगी मदद

भूमध्य सागर के पार से बड़ी संख्या में इटली तट पर पहुंच रहे प्रवासियों के मद्देनजर प्रधानमंत्री पाओलो जेंटिलोनी ने इस संकट के समाधान के लिए अपने यूरोपीय सहयोगी देशों से मदद मांगी है;

Update: 2017-06-30 18:20 GMT

बर्लिन। भूमध्य सागर के पार से बड़ी संख्या में इटली तट पर पहुंच रहे प्रवासियों के मद्देनजर प्रधानमंत्री पाओलो जेंटिलोनी ने इस संकट के समाधान के लिए अपने यूरोपीय सहयोगी देशों से मदद मांगी है।

प्रवासियों और शरणार्थियों के लगातार आते रहने से यह देश दबाव का सामना कर रहा है। समाचार एजेंसी एफे के मुताबिक, जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल के निमंत्रण पर जेंटिलोनी जी-20 में यूरोपीय देशों के नेताओं से मुलाकात करने के लिए बर्लिन में थे।

जेंटिलोनी ने कहा, "यह संदेश किसी ऐसे देश से नहीं है, जो नियमों को तोड़ना चाहता है या अपने मानवीय रुख का त्याग करना चाहता है, यह एक ऐसा देश है जो दबाव में है, जो अपने यूरोपीय सहयोगियों से प्रत्यक्ष रूप से योगदान का अनुरोध करता है।"

उन्होंने इटली में आपात स्थिति का विस्तृत विवरण दिया और कहा कि ऐसे ही बड़ी संख्या में शरणार्थियों के आने से देश को उन्हें प्रवेश देने के बारे में सोचना पड़ेगा। इसकी क्षमता प्रभावित हो रही है। 

यूरोपीय आयोग के अध्यक्ष जीन क्लॉड जंकर ने कहा कि प्रवासी संकट से निपटने के लिए ग्रीस और इटली अकेले नहीं छोड़े जा सकते और समस्या के समाधान के लिए सभी देशों को प्रयास करना होगा। 

फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने जेंटिलोनी से कहा कि शरणार्थियों के प्रवेश मामले में फ्रांस अपनी प्रतिबद्धता पूरी करेगा, लेकिन उन्होंने साथ ही आगाह किया कि इटली के दक्षिणी तट पर पहुंचने वाले 80 फीसदी लोग सिर्फ शरणार्थी नहीं, बल्कि आर्थिक प्रवासी भी हैं।

इटली के तटों पर 2017 में अब तक करीब 70,000 प्रवासी पहुंच चुके हैं। 

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