कश्मीर दौरे पर अपने देश के सांसदों को भेजते तो बेहतर होता : मायावती

 यूरोपीय संघ (ईयू) के 28 सदस्यों के प्रतिनिधिमंडल को केंद्र सरकार द्वारा कश्मीर जाने की इजाजत देने पर बहुजन समाज पार्टी (बसपा) मुखिया मायावती ने सवाल उठाए;

Update: 2019-10-29 14:03 GMT

लखनऊ । यूरोपीय संघ (ईयू) के 28 सदस्यों के प्रतिनिधिमंडल को केंद्र सरकार द्वारा कश्मीर जाने की इजाजत देने पर बहुजन समाज पार्टी (बसपा) मुखिया मायावती ने सवाल उठाए हैं। उन्होंने मंगलवार को कहा कि भारत सरकार अपने देश के सांसदों को कश्मीर भेजती तो बेहतर होता।

मंगलवार को मायवती ने ट्वीट किया, "जम्मू एवं कश्मीर में संविधान के अनुच्छेद 370 को समाप्त करने के उपरान्त वहां की वर्तमान स्थिति के आंकलन के लिए यूरोपीय यूनियन के सांसदों को जम्मू एवं कश्मीर भेजने से पहले भारत सरकार अगर अपने देश के, खासकर विपक्षी पार्टियों के सांसदों को वहां जाने की अनुमति दे देती तो यह ज्यादा बेहतर होता।"

जम्मू-कश्मीर में संविधान की धारा 370 को समाप्त करने के उपरान्त वहाँ की वर्तमान स्थिति के आकलन के लिए यूरोपीय यूनियन के सांसदों को जेके भेजने से पहले भारत सरकार अगर अपने देश के खासकर विपक्षी पार्टियों के सांसदों को वहाँ जाने की अनुमति दे देती तो यह ज्यादा बेहतर होता।

— Mayawati (@Mayawati) October 29, 2019

ज्ञात हो कि जम्मू एवं कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 को हटाने के बाद पहली बार भारत किसी विदेशी दल को कश्मीर जाने की इजाजत दे रहा है। स्पष्ट किया गया है कि यह ईयू सांसदों का आधिकारिक दल नहीं है बल्कि यह सांसद निजी तौर पर कश्मीर यात्रा पर जाएंगे।

यूरोपीय संघ के सांसदों में छह पोलैंड, छह फ्रांस, पांच ब्रिटेन, चार इटली, दो जर्मनी और एक-एक चेक, बेल्जियम, स्पेन और स्लोवाक के हैं।

ईयू के सांसदों के दल ने नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल से मुलाकात भी की है।

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