धर्मसंसद में राजनीतिज्ञों को बुलाना उचित नहीं, धर्म के प्रति झूठ बोल सकते हैं : स्वामी

गोवर्धनपुरी पीठ के शंकराचार्य स्वामी अधोक्षजानंद ने कहा कि धर्मसंसद में राजनीतिज्ञों को बुलाना उचित नहीं होता;

Update: 2018-12-21 00:59 GMT

प्रयागराज। गोवर्धनपुरी पीठ के शंकराचार्य स्वामी अधोक्षजानंद ने कहा कि धर्मसंसद में राजनीतिज्ञों को बुलाना उचित नहीं होता। यह धर्म के प्रति झूठ बोल सकते हैं, जहां राजनीति शामिल होती है वह धर्म सम्मेलन नहीं हो सकता।

स्वामी अधोक्षजानंद ने संगम क्षेत्र में अपने शिविर में संवाददाताओं से कहा कि विश्व कल्याण के लिए कुंभ मेले में धर्म सम्मेलन का आयोजन किया जायेगा। “धर्म संसद” धर्म गुरू बुलाते हैं और यह धर्माचार्य के शिविर में होता है। लेकिन उसमें राजनीतिज्ञों को नहीं बुलाया जायेगा। जहां राजनीति होती है वहां धर्म सम्मेलन का कोई औचित्य नहीं रह जाता।

उन्होंने बताया कि धर्म संसद में आतंकवाद, अलगाववाद, भुखमरी आदि के अतिरिक्त राजनेताओं का मार्ग से भटकाव को लेकर चर्चा की जायेगी, जाे इंसानी व्यवस्थाओं को बहका रहे हैं। राजनेता कानून में नये-नये विधान ला रहे हैं जो इंसानी व्यवस्थाओं और हमारे धर्म प्रबंध के विरूद्ध है,उसपर भी चर्चा होगी। शिविर में देश की एकता और अखण्डता तथा विश्व में भारत की बुलंदी के लिए यज्ञ किया जायेगा।

उन्होंने कहा कि सनातन धर्म की धर्मिक अदालत और राजनेताओं का क्रिया-कलाप अलग है। राजनेता धर्म के प्रति झूठ बोल सकते हैं और झूठ बोलते रहे हैं लेकिन धर्मगुरू ऐसा नहीं कर सकते। उनका जीवन धर्म के लिए समर्पित है। वह धर्म के लिए जीते हैं और उसी के लिए ही मरते हैं।

एक सवाल के जवाब में स्वामी अधोक्षजानंद ने कहा,“ राजा और धर्म एक साथ मिलकर काम करते आए हैं। लेकिन यह दुर्भाग्य है कि इस समय राजनेता धर्म गुरूओं की बात काे उतनी प्राथमिकता नहीं दिया जा रहा है जिसका वह हकदार है। जब राजनेताओं को सत्ता हथिआने का लाभ दीखता है तब वह धर्म गुरूओं को नतमस्तक होते हैं और धर्म की बात करते हैं। जब उनका काम हो जाता है, वे धर्म को को तवज्जो नहीं देते क्योंकि वह सच्चे हृदय से धर्म को मानते ही नहीं है।”

उन्होंने कहा कुंभ मेला सनातन धर्म का सबसे बड़ा पर्व है। यहां देश दुनिया के संत ,महातमा, ऋषि-मुनि इकट्ठा होकर देश दुनिया की परिस्थितयों पर विचार विमर्श करते हैं और उनका निदान निकालते हैं जिससे विश्व में शांति और भाईचारा का माहौल कायम हो सके।

अयोध्या में श्रीराम मंदिर के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि यह देश के करोड़ो लोगों की आस्था का विषय है। अयोध्या में राम मंदिर था और उसे वहीं पर बनना चाहिए लेकिन कानून के दायरे में रहकर। उन्होंने कहा कि उनका अपना एक दायरा है उसके बाहर उनका इस मामले पर बोलना उचित नहीं है। लेकिन राम मंदिर का निर्माण होना चाहिए, इसमें अब बिलंब नहीं करना चाहिए।

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