बंगाल हिंसा मामले में जांच शुरु, केंद्रीय टीम ने की राज्यपाल से मुलाकात
केंद्रीय गृह मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव एवं भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के अधिकारी गोविंद मोहन के नेतृत्व में चार सदस्यीय केंद्रीय टीम ने राज्य में चुनाव बाद हुई व्यापक हिंसक घटनाओं पर जांच शुरु की;
कोलकाता। केंद्रीय गृह मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव एवं भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के अधिकारी गोविंद मोहन के नेतृत्व में चार सदस्यीय केंद्रीय टीम ने राज्य में चुनाव बाद हुई व्यापक हिंसक घटनाओं की रिपोर्ट के मद्देनजर शुक्रवार को राजभवन में राज्यपाल जगदीप धनखड़ से मुलाकात की।
धनखड़ ने खुद ट्वीट कर इसकी जानकारी दी। उन्होंने लिखा,“ मोहन के नेतृत्व में चार सदस्यीय केंद्रीय टीम आज पूर्वाह्न 10 बजे मुझसे मुलाकात करने आयी थी। टीम मेरे साथ करीब एक घंटे तक रही।”
Four member MHA team led by Shri Govind Mohan, IAS, Additional Secretary, Ministry of Home Affairs, Government of India called on the West Bengal Governor today at 10 am at Raj Bhawan, Kolkata.
The MHA team was with the Governor for over an hour. pic.twitter.com/arBMfIljbl
गौरतलब है कि राज्य में चुनाव बाद हुई हिंसक घटनाओं के आकलन के लिए गृह मंत्रालय की चार सदस्यीय टीम गुरुवार को यहां पहुंची।
केंद्रीय टीम के सदस्यों ने राज्य सचिवालय नाबन्ना में राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की। केंद्रीय टीम के हिंसा प्रभावित इलाकों का दौरा करने की भी संभावना है।
इससे पूर्व केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बंगाल प्रशासन से चुनाव बाद हिंसा को लेकर विस्तृत रिपोर्ट मांगी लेकिन अभी तक उनकी ओर से कोई अपडेट नहीं भेजा गया है।
तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी के राज्य के लगातार तीसरी बार मुख्यमंत्री की शपथ लेने के ठीक अगले ही दिन यह गतिविधि शुरू हुई। उन्होंने शपथ लेने के तुरंत बाद सभी राजनीतिक पार्टियों से हिंसा से दूर रहने की अपील की।
गत दो मई को चुनाव परिणाम सामने आने के बाद ही राज्य के विभिन्न हिस्सों में हिंसक घटनायें शुरू हो गयीं। भारतीय जनता पार्टी ने आरोप लगाया कि तृणमूल समर्थित गुंडों ने इसके कई कार्यकर्ताओं की हत्या कर दी, महिला कार्यकर्ताओं पर हमला किया, कई मकानों को क्षतिग्रस्त कर दिया, इसके पार्टी सदस्यों की कई दुकानें लूट ली गयीं तथा कार्यालयों में तोड़ फोड़ की गयी।
भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा ने दावा किया कि राज्य में चुनाव बाद हिंसा में पार्टी के कम से कम 14 कार्यकर्ता मारे गये तथा करीब एक लाख लोगों को अपना घर छाेड़कर भागना पड़ा है। उन्होंने आरोप लगाया कि इस मामले में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की चुप्पी उनकी सहभागिता को दर्शाता है।
ममता बनर्जी ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि उन क्षेत्रों में हिंसा और झड़पें हो रही हैं जहां भाजपा के उम्मीदवार चुनाव में विजयी हुए। उन्होंने लोगों से संयम बरतने तथा किसी भी प्रकार के हिंसक घटना में शामिल नहीं होने की अपील की।
स्थिति पर संज्ञान लेते हुए ममता बनर्जी ने बुधवार को मुख्यमंत्री के रूप में फिर से शपथ लेने के बाद अपनी पहली कार्रवाई में पुलिस महानिदेशक पी निरंजन सहित 30 शीर्ष अधिकारियों को स्थानांतरित कर दिया। उन्होंने चेतावनी दी कि किसी भी प्रकार की हिंसा को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।