उपराज्यपाल का डीडीए को निर्देश: पार्कों में ओपन जिम, बेहतर रोशनी और बढ़ाएं सुविधाएं

दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने कल एक उच्चस्तरीय बैठक में बायोडायर्बसिटी पार्क व अन्य डीडीए के पार्कों से संबंधित कामकाज समीक्षा की;

Update: 2017-04-20 12:15 GMT

नई दिल्ली। दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने कल एक उच्चस्तरीय बैठक में बायोडायर्बसिटी पार्क व अन्य डीडीए के पार्कों से संबंधित कामकाज की समीक्षा करते हुए कहा कि इन पार्कों में आवाजाही के लिए बैटरी चलित वाहनों का इस्तेमाल किया जाए वहीं पार्कों में ओपन जिम, बेहतर रोशनी व अन्य सुविधाएं दें। 

उन्होंने कहा कि बायोडायर्बसिटी पार्क प्राकृतिक भंडार है व लुप्त हो रहे पेड़ पौधों की सरंक्षा करता है। बायोडायर्बसिटी पार्क जलवायु परिवर्तन में एक ग्रीनशील्ड के रूप में कार्य करता है और साथ ही साथ वायु प्रदूषण को भी कम करता है। 

अधिकारियों ने इस अवसर पर बताया कि डीडीए पूरी दिल्ली में बायोडायर्बसिटी पार्कों की शृंखला बना रहा है जिसमें यमुना डायवर्सिटी पार्क, अरावली बायोडायर्बसिटी पार्क, नार्दन रिज, तिलपत वैली, नीला हौज, तुगलकाबाद, तेहखंड आदि शामिल है। डीडीए यमुना बायोडायर्बसिटी पार्क फेज-1 एवं फेज-2 को ग्रीन कारिडोर द्वारा जोडऩे की प्रक्रिया जारी है।

वहीं दिल्ली में डीडीए द्वारा कई महत्वपूर्ण पार्को के विकास एवं देखरेख की प्रशंसा करते हुए उपराज्यपाल ने कहा कि स्थानीय समुदाय, आरडब्ल्यूए को इन पार्कों की देखरेख एवं प्रबंधन के लिए भी शामिल किया जाना चाहिए और डीडीए को ऐसी व्यवस्था पर विचार करना चाहिए जिसमें स्थानीय लोग आवश्यक रूप से शामिल हों ताकि पार्को का रख रखाव बेहतर रूप से किया जा सके।
उपराज्यपाल ने डीडीए को निर्देश दिया कि इन पार्कों में समुचित रूप से शौचालय, डस्टबिन एवं अन्य सुविधाएं उपलब्ध हों। 

उन्होंने यह भी कहा कि डीडीए को अपने हरित क्षेत्रों में रिसाइकिल्ड पानी का उपयोग करना चाहिए। डीडीए को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि ऐसे शौचालय जिनके रखरखाव की जिम्मेदारी निजी संस्थानों के हाथों में है, उनको अनुबंध के समय ही बता देना चाहिए कि रख रखाव न करने की स्थिति में उन पर जुर्माना लगेगा। डीडीए को ऐसे निजी संस्थानों पर निगरानी भी रखनी चाहिए। 

बैठक में डीडीए के उपाध्यक्ष, इंजीनियर मेम्बर, फाइनेंस मेंबर, प्रधान आयुक्त, चीफ आर्किटैक्ट सहित कई अधिकारी मौजूद थे। 

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