प्रदूषण फैलाने के लिए उद्योग ही जिम्मेदार नहीं
जिले के कटघोरा, कोरबा, दीपका व उरगा में संचालित आठ लघु उद्योगों की विद्युत लाईन विच्छेदन करने के लिए पर्यावरण संरक्षण मंडल कोरबा ने विद्युत वितरण विभाग को जारी पत्र बताया गया है;
बिजली काटे जाने के फरमान पर भड़के विधायक
कोरबा। जिले के कटघोरा, कोरबा, दीपका व उरगा में संचालित आठ लघु उद्योगों की विद्युत लाईन विच्छेदन करने के लिए पर्यावरण संरक्षण मंडल कोरबा ने विद्युत वितरण विभाग को जारी पत्र बताया गया है कि इन आठों लघु उद्योग संचालकों के द्वारा जल एवं वायु सम्मति प्राप्त नही किया है जो पर्यावरण प्रदुषण संबंधी नियमों के दायरे में हैं और इनका पालन करना जरूरी है जो इन उद्योगों के संचालकों के द्वारा नही किया जा रहा है जिनका विद्युत कनेक्शन विच्छेदित किया जाये।
जयसिंह अग्रवाल ने मुख्यमंत्री डॉ. रमनसिंह को भेजे पत्र के माध्यम से बताया कि अगर इन आठों लघु उद्योगों के विद्युत लाईन काट दी जाती है तो इन उद्योगों में काम करने वाले गरीब मजदूरों का क्या होगा। इन उद्योगों में रोजी मजदूरी कर रहे सैकड़ों मजदूरों के सामने रोजी रोटी की समस्या उत्पन्न हो जावेगी वहीं लघु उद्योगों के संचालकों के समक्ष अनेकों समस्या उत्पन्न हो जावेगी।
विधायक जयसिंह अग्रवाल ने कहा कि पर्यावरण संबंधी नियम कायदे की समस्या से लघु उद्योगों के संचालक पीड़ित है वैसे इन लघु उद्योगों की जमीनी हालत पर नजर डालें तो देखने को मिलता है कि छोटे और मंझले उद्योग इन दिनों कई तरह की चुनौतियों का सामना कर रहा है दिनों दिन लघु उद्योग बंद होने लगे हैं। एक तरफ केन्द्र सरकार ने स्आर्टअप इंडिया अभियान शुरू किया है जिसका मकसद उघमशीलता को बढ़ावा देने बताया गया है जिसके तहत व्यापार में तीन वर्ष तक टैक्स में छुट, अटल इनोवेशन मिशन, इनोवेशन सुविधाओं और टेऊनिंग से नये उघमियों को मदद दिये जाने की बात कही गई है।
जिसके अंतर्गत सैकड़ों नवयुवकों को रोजगार मिलने में मदद मिलने की उम्मीद की गई है। एक तरफ सरकार उद्योग स्थापित करने के इच्छुक लोगों को जागरूक करने सक्रियता से जुटी हुई है । वहीं उद्योग स्थापित करने के कई इच्छुक लोग उद्योग लगाने के पेचिदा दांव पेज, नये नये नियम कानून के चक्कर में उलझ कर रह जाते है।
कोरबा विधायक ने यह भी लिखा कि कोरबा देश के सर्वाधिक प्रदूषित वाले शहरों में से एक है लेकिन इसका कारण में आठ लघु उद्योग ही नही है बल्कि कई ऐसे बड़े उद्योग कल-कारखाने हैं जिसके कारण उत्पन्न पर्यावरण समस्या पर्यावरण संरक्षण मंडल को कभी दिखाई ही नही दी।
जबकि मेरा मानना है कि कोरबा में स्थापित छोटे उद्योगों पर कार्यवाही करने के बजाय कोरबा में स्थापित सीएसईबी, एनटीपीसी, बालको, लैंको आदि बड़े संयत्रों पर नियम कानून के पालन को लेकर कड़ी कार्यवाही करते तो कोरबा में प्रदुषण की समस्या से लोगों को राहत अवश्य मिलता। विधायक ने कहा कि जिस प्रकार लघु उद्योग अपनी पहचान खोते जा रही है और दूसरी तरफ केन्द्र व राज्य सरकार इन उद्योगों को बढ़ावा देने की नीति पर काम कर रही है ऐसे में सरकार को चाहिए कि वे उधमियों पर ज्यादा ध्यान दे और पेचिदा नियम कानून को सरलीकरण का कार्य करें। विधायक श्री अग्रवाल ने मुख्यमंत्री एवं पर्यावरण संरक्षण मंडल के अधिकारियों को पत्राचार कर लघु उद्योगों के संचालन में तथा पेचिदा नियम कानून को सरलीकरण बनाने आग्रह किया है।