कृषि कानूनों के विरोध में मंत्री के आवास के बाहर भारतीय युवा कांग्रेस ने किया प्रदर्शन

भारतीय युवा कांग्रेस (आईवाईसी) ने मंगलवार को तीन कृषि कानूनों के खिलाफ केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के आवास के बाहर प्रदर्शन किया;

Update: 2021-01-12 17:41 GMT

नई दिल्ली। भारतीय युवा कांग्रेस (आईवाईसी) ने मंगलवार को तीन कृषि कानूनों के खिलाफ केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के आवास के बाहर प्रदर्शन किया। यूथ विंग के प्रमुख श्रीनिवास बी.वी. के नेतृत्व में सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग की।

कई प्रदर्शनकारी कार्यकर्ताओं को दिल्ली पुलिस ने हिरासत में लिया। श्रीनिवास ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि देश के किसानों ने एक ऐतिहासिक आंदोलन चलाया है, जिसमें अब तक 60 से अधिक किसानों की मौत हो चुकी है।

आईवाईसी नेता ने कहा, "देश के युवाओं ने हमेशा तानाशाही के खिलाफ सरकार को जगाने का काम किया है, और युवा दिवस के मौके पर, हम इस गूंगी और बहरी सरकार को जगाने आए हैं।"

उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार तानाशाही रवैया अपना रही है, जो शर्मनाक है और भाजपा-आरएसएस को यह समझना चाहिए कि 'अगर देश में किसान नहीं है, तो भारत नहीं होगा, फिर देश की कल्पना करना बेमानी होगी।

उन्होंने कहा कि देश के युवा, किसानों के साथ हैं, और उनके अधिकारों के लिए लड़ेंगे।

श्रीनिवास ने कहा, "मोदी सरकार गहरी नींद में है, आखिर ऐसी क्या मजबूरी है कि सरकार किसानों का दर्द नहीं देख रही है?"

उन्होंने आरोप लगाया कि देश के आधे से अधिक लोगों के भविष्य को खतरे में डालकर नए कृषि कानून लाए गए हैं और यह विश्वासघात भारत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

आईवाईसी के राष्ट्रीय प्रभारी और एआईसीसी के संयुक्त सचिव कृष्णा अल्लवरु ने कहा कि देश के युवाओं ने स्पष्ट संदेश दिया है कि वे किसानों के साथ हैं।

उन्होंने कहा कि मोदी सरकार पूंजीपतियों के लिए काम कर रही है और किसानों की मांगों की अनदेखी कर जनादेश का अपमान कर रही है।

अल्लावरु ने कहा कि मोदी सरकार और भाजपा न केवल किसानों बल्कि देश के प्रत्येक नागरिक का अपमान कर रही है और जब तक किसान विरोधी कानूनों को वापस नहीं लिया जाता, तब तक यूथ कांग्रेस सरकार और उसके मंत्रियों को जगाने के लिए अपना विरोध जारी रखेगी।

आईवाईसी के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी राहुल राव ने भी तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग की।

पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के हजारों किसान पिछले 48 दिनों से तीन कृषि कानूनों को रद्द करने और एमएसपी की गारंटी की मांग को लेकर राष्ट्रीय राजधानी की कई सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।

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