ऑटोमोबाइल का सबसे बड़ा हब बन रहा भारत, ईवी के सप्लाई चेन में भी होगा सबसे आगे
ऑटो एक्सपो में टाटा मोटर्स ने कामर्षियल से लेकर पैसेंजर वाहनों का पेश किया बड़ा रेंज;
- देवेंद्र सिंह
ग्रेटर नोएडा। ऑटोमोबाइल के कई बड़े विशेशज्ञों का मानना है कि आने वाले में समय में भारत ऑटोमोबाइल का सबसे बड़ा बाजार बन जाएगा। इसके साथ ही टाटा मोटर्स के एमडी ने कहा है कि भारत ईवी के वैश्विक हब व सप्लाई चेन का एक प्रमुख केंद्र बनने की राह पर है।
देश की तीसरी सबसे बड़ी कार कंपनी टाटा मोटर्स का कहना है कि भारत इलेक्ट्रिक वाहनों का वैश्विक हब व सप्लाई चेन का एक प्रमुख केंद्र बनने की राह पर अग्रसर है और टाटा मोटर्स भी इसके हिसाब से ही अपनी रणनीति तैयार कर रही है।
दूसरी कार कंपनियों की तरह टाटा मोटर्स सिर्फ पैंसेंजर इलेक्ट्रिक वाहन बाजार तक ही सीमित नहीं रहना चाहती बल्कि लंबी दूरी तय करने वाले हेवी ट्रकों से लेकर गली-मोहल्लों में चलने वाले छोटे कमर्शियल इलेक्ट्रिक वाहन भी बनाने की योजना पर काम कर रही है।
टाटा मोटर्स ने बताया है कि वर्ष 2030 तक उसके कुल वाहन उत्पादन का 50 फीसद इलेक्ट्रिकवाहनों का होगा। कंपनी लंबी दूरी के ट्रकों को नए डिजाइन के हिसाब से ऑटो एक्सपो 2023 में पेश किया है।
भारत होगा ईवी का वैश्विक आपूर्ति केंद्र
टाटा मोटर्स पैसेंजर व्हीकल्स व टाटा पैसेंजर इलेक्ट्रिक मोबिलिटी के एमडी शैलेश चंद्रा ने बताया कि उनकी कंपनी यह सोच कर अपनी रणनीति बना रही है कि भारत इलेक्ट्रिक वाहनों का एक वैश्विक आपूर्ति केंद्र और बड़ा निर्यातक के तौर पर स्थापित होगा।
चंद्रा का कहना है कि पहली बार ऐसा हो रहा है कि भारत और विश्व के दूसरे ऑटोमोबाइल बाजार एक साथ इलेक्ट्रिक वाहनों के रास्ते पर जा रहे हैं। अभी तक पेट्रोल व डीजल से चलने वाले आटोमोबाइल में उन्नत तकनीक लंबे अरसे बाद भारत आती थी। दुनिया के किसी भी दूसरे देश के पास ईवी को बढ़ावा देने वाली भारत जैसा माहौल नहीं है।
ईवी निर्माण में भी भारत है कुशल
मसलन, यहां बहुत ही बड़ा बाजार है, कार खरीदने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है, इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए निर्माण के लिए जैसा कार्यकुशल श्रम चाहिए वैसा भारत के पास है, इलेक्ट्रिक वाहनों में सॉफ्टवेयर का बहुत योगदान होता है और भारत जैसा सॉफ्टवेयर प्रतिभा और कहीं नहीं मिलेगा। सुजुकी मोटर कार्पाेरेशन (एसएमसी) के निदेशक तोशीहीरो सुजुकी भी मानते हैं कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा आटो बाजार बनने की क्षमता रखता है। लेकिन इसमें वक्त लगेगा।
सबसे बड़ा आटोमोबाइल बाजार बन सकता भारत
पिछले वर्ष भारत में कुल 42.5 वाहनों की बिक्री हुई है जबकि अभी तक तीसरे नंबर पर रहने वाले देश जापान में 42 लाख वाहनों की बिक्री हुई है। चीन पहले स्थान पर (2.6 करोड़ बिक्री) व अमेरिका दूसरे स्थान (1.54 करोड़) पर है। हुंडई मोटर इंडिया के एमडी अनसू किम ने भी बताया कि भारत सबसे बड़ा आटोमोबाइल बाजार बन सकता है।
मारुति सुजुकी और हुंडई की भावी योजनाओं में इलेक्ट्रिक वाहनों का बहुत बड़ी भूमिका होगी। हुंडई 4000 करोड़ रुपये के नये निवेश से आठ इवी वर्ष 2027-28 तक लांच करना चाहती है। मारुति सुजुकी इवी को लेकर अभी बहुत खुल कर कुछ नहीं कह रही। उक्त तीनों कंपनियां यह मानती हैं कि केंद्र सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए जो कदम उठाए हैं उसका काफी फायदा पूरे उद्योग को होगा।