भारत और उज्बेकिस्तान मिलकर करेंगे अफगानिस्तान में शांति के लिए कार्य
भारत और उज़्बेकिस्तान ने अफगानिस्तान में आंतरिक शांति बहाली के लिए परस्पर संवाद को बढ़ावा देने और क्षेत्रीय सुरक्षा एवं शांति सुनिश्चित करने के वास्ते मिलकर काम करने के इरादे का आज इज़हार किया;
नयी दिल्ली। भारत और उज़्बेकिस्तान ने अफगानिस्तान में आंतरिक शांति बहाली के लिए परस्पर संवाद को बढ़ावा देने और क्षेत्रीय सुरक्षा एवं शांति सुनिश्चित करने के वास्ते मिलकर काम करने के इरादे का आज इज़हार किया तथा रक्षा, पर्यटन, विज्ञान एवं तकनीक, फार्मास्युटिकल्स, चिकित्सा आदि क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ाने के 17 दस्तावेज़ों पर हस्ताक्षर किये।
“Now we are heading towards a new era in which our bilateral relations will reach new heights”
In his press statement PM @narendramodi emphasised on the “Strategic Partnership” that encompasses cooperation in a wide spectrum of areas. (Full Statement at https://t.co/fHrzN9yshA) pic.twitter.com/w4j6XCrAi6
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उज़्बेकिस्तान के राष्ट्रपति शौकत मिर्जीयोयेव के बीच यहां हैदराबाद हाउस में हुई प्रतिनिधिमंडल स्तर की द्विपक्षीय बैठक में ये फैसले लिये गये। दोनों देशों के बीच हुए समझौतों में आगरा एवं समरकंद के बीच सहाेदर शहर और गुजरात एवं अंदीजान प्रांत के बीच सहोदर प्रांत करार पर भी हस्ताक्षर किये गये।
Expanding the horizon of close collaboration!
Following delegation level talks betn PM @narendramodi & @president_uz Shavkat Mirziyoyev, 17 documents were exchanged in fields of law, tourism, military education, agriculture, S&T & many more (Full list at https://t.co/dqFj2TeFiD) pic.twitter.com/FVVJCwryX9
Reinforcing India-Uzbekistan Strategic Partnership.
PM @narendramodi and President of Uzbekistan Shavkat Mirziyoyev took stock of our bilateral relationship across several sectors during the dekegation-level talks. #UzbekIndia pic.twitter.com/JwzjDX3OMo
पीएम मोदी ने बाद में अपने प्रेस वक्तव्य में भारत एवं उज़्बेकिस्तान के बीच रक्षा संबंधों में वृद्धि पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि मुलाकात के दौरान हमने संयुक्त सैन्य अभ्यास और सैन्य शिक्षा एवं प्रशिक्षण समेत अन्य आवश्यक क्षेत्रों में रक्षा सहयोग बढ़ाने पर चर्चा की है। इस विचार-विमर्श में एक बार फिर स्पष्ट हुआ है कि भारत और उज़्बेकिस्तान सुरक्षित और समृद्ध बाह्य वातावरण चाहते हैं।
Dostlik-Dosti: We speak the same language when it comes to friendship.
On his first visit to India, PM @narendramodi warmly received Uzbek President Shavkat Mirziyoyev at the Hyderabad House ahead of bilateral talks. #UzbekIndia pic.twitter.com/4cEuGP78Fb
उन्होंने क्षेत्रीय शांति और स्थिरता के लिए उज़्बेकिस्तान के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि स्थिर, लोकतांत्रिक और समावेशी एवं समृद्ध अफ़ग़ानिस्तान पूरे क्षेत्र के हित में है। मुझे खुशी है कि इस संदर्भ में दोनों देशों के बीच नियमित रूप से सम्पर्क बनाए रखने का निर्णय लिया गया है। इसमें भारत उज़्बेकिस्तान के साथ हर संभव सहयोग करेगा।
मिर्जीयोयेव ने भी अपने वक्तव्य में कहा कि अफगानिस्तान को लेकर उनका देश बहुत गंभीर है और मानता है कि वहां की समस्या का समाधान सैन्य ढंग से नहीं निकाला जा सकता। विभिन्न समूहों एवं सरकार के बीच केवल राजनीतिक वार्तालाप के माध्यम से ही कोई हल निकल सकता है। उज़्बेकिस्तान इसमें पूरी तरह से सहयोग देगा और भारत के साथ मिल कर काम करने का इच्छुक है।