डेंगू, चिकुनगुनिया व मलेरिया से संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ी

  डेंगू, चिकुनगुनिया और मलेरिया जैसी बीमारियों के लिए जिम्मेदार मच्छरों का डंक जहां लोगों को प्रताड़ित कर रहा है;

Update: 2017-08-29 13:15 GMT

नई दिल्ली।  डेंगू, चिकुनगुनिया और मलेरिया जैसी बीमारियों के लिए जिम्मेदार मच्छरों का डंक जहां लोगों को प्रताड़ित कर रहा है। वहीं, दिल्ली सरकार और स्थानीय निकाय इसे रोक पाने में नाकाम साबित हो रहे हैं।

सोमवार को जारी दक्षिणी दिल्ली नगर निगम की रिपोर्ट के मुताबिक राजधानी में डेंगू के 288, चिकनगुनिया के 28 और मलेरिया के 61 मामले दर्ज किए जा चुके हैं। जो इन बीमारियों से संक्रमित मरीजों की संख्या में लगातार हो रही बढ़ोतरी का संकेत है। 

इनके अलावा बीते सप्ताह भी सबसे ज्यादा डेंगू के मामले सामने आए थे। बीते सप्ताह में डेंगू के कुल 288 मामलों में से 110 मामले दिल्ली के जबकि 178 मामले दिल्ली से बाहर के राज्यों से संबंधित हैं। इनमें से 6 मामले पूर्वी निगम इलाके से, 14 मामले उत्तरी निगम इलाके से और सर्वाधिक 31 मामले दक्षिणी निगम इलाके से सामने आए हैं। इसके अलावा 8 मामले एनडीएमसी इलाके से व एक मामला दिल्ली छावनी इलाके से भी सामने आया है। इसके साथ ही डेंगू का कुल आंकड़ा बढ़कर 945 तक जा पहुंचा है। वहीं, इस साल अभी तक चिकनगुनिया के कुल 339 मामले दर्ज किए जा चुके हैं। इनमें से 28 मामले बीते सप्ताह सामने आए हैं।

यहां भी सबसे ज्यादा 25 मामले दक्षिणी निगम इलाके में ही दर्ज किए गए हैं। मलेरिया ने भी लोगों को काफी परेशान किया है। बीते सप्ताह इसके 61 व कुल 473 मामले दर्ज किए गए हैं। बता दें कि डेंगू के कारण गंगाराम अस्पताल में एक की मौत हो चुकी है, लेकिन मलेरिया व चिकनगुनिया के कारण किसी अनहोनी की खबर नहीं आई है। निगम रिपोर्ट के मुताबिक, अभी तक 25 लाख से भी ज्यादा बल्क एसएमएस भेजे जा चुके हैं और लगभग इतने ही हैंडबिल बांटे जा चुके हैं। तो वहीं, 451883 घरों में निगम की ओर से एहतियाती तौर पर स्प्रे और 26538940 बार ब्रिडिंग की जांच के कार्य किए जा चुके हैं।

इनमें से 127334 घरों में लार्वा पाया जा गया है। जबकि 109321 घरों को कानूनी नोटिस जारी किया गया है। इतना ही नहीं, लार्वा पाए जाने पर डीडीए, मेट्रो के निर्माण स्थल, डीटीसी, सुप्रीम कोर्ट पार्किंग, पीडब्लूडी, जयपुर गोल्डन अस्पताल, एयर इंडिया कॉलोनी, सीपीडब्लूडी, दिल्ली जल बोर्ड दफ्तर, एमटीएनएल और सीआरपीएफ दफ्तरों का चालान भी किया जा चुका है। 

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