भविष्य में जीएसटी की दोनों करें हो सकती है एक : जेटली

केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि उन्हें ऐसा महसूस होता है कि भविष्य में वस्तु एवं सेवा कर की दो कर दरें एक हो सकती हैं, हालांकि उन्होंने जीएसटी की सिर्फ एक दर की संभावना से इनकार किया;

Update: 2017-08-31 21:06 GMT

नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने गुरुवार को कहा कि उन्हें ऐसा महसूस होता है कि भविष्य में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) की दो कर दरें एक हो सकती हैं, हालांकि उन्होंने जीएसटी की सिर्फ एक दर की संभावना से इनकार किया।

पत्रिका 'द इकोनॉमिस्ट' द्वारा आयोजित कार्यक्रम 'इंडिया समिट 2017' के उद्घाटन सत्र में जेटली ने कहा, "मैं भविष्य में जीएसटी की दो स्टैंडर्ड कर दरों के एक होने की संभावना देख रहा हूं। जीएसटी परिषद सही समय पर दोनों कर दरों को कनवर्ज करने का फैसला ले सकती है।"

हालांकि उन्होंने जीएसटी के तहत करों की सिर्फ एक दर की संभावना को खारिज करते हुए कहा कि यह विभिन्न वर्गो के ग्राहकों के लिए महंगाई लाने वाला साबित होगा तथा एक कर दर न्यायोचित नहीं होगा।

जेटली ने कहा कि जीएसटी बहुत ही सहज तरीके से लागू हुआ और इसमें किसी तरह की बाधा नहीं आई।

पूरे देश में लागू हो चुकी जीएसटी में चार टैक्स स्लैब (5 फीसदी, 12 फीसदी, 18 फीसदी और 28 फीसदी) हैं। इसके अलावा दैनिक जरूरत की अनेक महत्वपूर्ण वस्तुओं पर कोई टैक्स नहीं लगाया गया है।

जेटली ने इससे पहले कहा था, "भविष्य में कुछ करों को सम्मिश्रित कर सकते हैं। 12 फीसदी और 18 फीसदी स्लैब को मिलाकर एक स्लैब बनाया जा सकता है। लेकिन अभी अगर हम 15 फीसदी का एक स्लैब बनाते हैं, तो खाने-पीने की चीजें महंगी हो सकती हैं, जिनका उपभोग गरीब जनता करती है।"

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