पहली ही बरसात में टपकने लगी 3000 करोड़ की लागत से बनी स्टेच्यू ऑफ यूनिटी
सरदार वल्लभभाई पटेल की 182 मीटर की विशाल प्रतिमा अपने अनावरण के बाद पहली ही बारिश में बरसाती पानी के रिसाव और टपकने की समस्या का सामना कर रही;
केवड़िया। दुनिया की सबसे ऊंची मूर्ति के तौर पर मध्य गुजरात के नर्मदा जिले में केवड़िया के निकट स्थापित सरदार वल्लभभाई पटेल की 182 मीटर की विशाल प्रतिमा अपने अनावरण के बाद पहली ही बारिश में बरसाती पानी के रिसाव और टपकने की समस्या का सामना कर रही है।
लगभग 3000 करोड़ की लागत से बनी इस प्रतिमा का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पिछले साल 31 अक्टूबर को किया था। मजे की बात यह है कि अब तक नर्मदा जिले के गरूड़ेश्वर तालुका, जिसमें यह स्थित हैं, में कोई भारी वर्षा भी नहीं हुई है। वहां पिछले 24 घंटे में केवल 11 मिलीमीटर और अब तक के वर्षा सत्र का मात्र पांच प्रतिशत के आसपास वर्षा दर्ज हुई है। अलबत्ता आज सुबह से दोपहर तक वहां 31 मिमी से अधिक वर्षा हुई थी।
प्रतिमा के सीने में हृदय के स्थान पर 153 मी की ऊंचाई पर बनी व्यूइंग गैलरी, जहां से एक बार में दो सौ लोग, आसपास का विहंगम दृश्य देख सकते हैं, में भी कथित तौर पर बरसाती पानी भर गया है।
प्रतिमा के निर्माण और रखरखाव का काम लार्सन एंड टुब्रो कंपनी करती है।
नर्मदा जिले के कलेक्टर आई के पटेल ने यूएनआई से बातचीत में आज स्वीकार किया कि प्रतिमा के कुछ हिस्सों में रिसाव की समस्या है और इसे दूर करने का प्रयास किया जा रहा है। हालांकि उन्होंने इस बात से इंकार किया कि व्यूइंग गैलरी में पानी का जमाव किसी गड़बड़ी की वजह से हो रहा है। पटेल ने कहा कि व्यूइंग गैलरी का डिजायन ही ऐसा तैयार किया गया है कि बरसात के दौरान इसमें पानी आये। इसे बंद करने पर यहां से दिखने वाला स्वाभाविक विहंगम दृश्य नहीं दिख पायेगा। इसमें पानी के निकासी के लिए चैनल भी बनाया गया है। रिसाव की बात तो सही है पर व्यूइंग गैलरी में कोई तकनीकी समस्या नहीं है। यह डिजायन के चलते हैं गड़बड़ी के चलते नहीं।
ज्ञातव्य है कि बड़ी संख्या में पर्यटकों को आकर्षित करनेवाली इस विशाल प्रतिमा के लिफ्ट में बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी गत 13 नवंबर को तब फंस गये थे जब अचानक बिजली गुल हो गयी थी।