दुष्कर्म मामले में शिवराज ने मुख्य न्यायाधीश से की फास्ट ट्रेक कोर्ट स्थापित करने की अपील

 मध्यप्रदेश में मासूम बच्चियों से दुष्कर्म की घटनाओं पर चिंता जताते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा को पत्र लिखकर ऐसे मामलों में जल्द सुनवाई के लिए;

Update: 2018-07-03 14:05 GMT

भोपाल।  मध्यप्रदेश में मासूम बच्चियों से दुष्कर्म की घटनाओं पर चिंता जताते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा को पत्र लिखकर ऐसे मामलों में जल्द सुनवाई के लिए फास्ट ट्रेक कोर्ट स्थापित करने या मौजूदा तंत्र में ही ऐसे मामलों की प्राथमिकता से सुनवाई किए जाने की अपील की है।

Justice delayed is justice denied. Requested Hon’ble Supreme Court to set up fast track Higher Courts for trials of rape cases against minors so that the speedy justice is delivered. #DeathForRapists pic.twitter.com/D7kMVgHe0V

— ShivrajSingh Chouhan (@ChouhanShivraj) July 3, 2018


 

पत्र में कहा गया है कि मध्यप्रदेश देश का पहला ऐसा राज्य है, जहां 12 साल से कम उम्र की बच्चियों के साथ दुष्कर्म के मामलों में दोषी को फांसी की सजा देने का प्रावधान किया गया है। 

पत्र में इंदौर में तीन महीने की एक बच्ची के साथ दुष्कर्म के मामले का भी संदर्भ दिया गया है। कल लिखे गए इस पत्र में मुख्यमंत्री ने लिखा है कि इस मामले में जांच सात दिन में और सुनवाई 22 दिन में पूरी कर ली गई। मुख्यमंत्री के मुताबिक वे यह नहीं कह रहे कि आरोपी को निष्पक्ष सुनवाई का अधिकार नहीं है, बल्कि उनका यह कहना है कि ऐसे मामलों में जल्द सुनवाई से पीड़ित पक्ष की मानसिक प्रताड़ना कम होगी और दूसरों के लिए भी ये बानगी साबित होगी।

उन्होंने मुख्य न्यायाधीश से आग्रह किया है कि वे ऐसे मामलों की जल्द सुनवाई के लिए फास्ट ट्रेक कोर्ट स्थापित करने या मौजूदा न्याय तंत्र में ही ऐसे मामलों की सुनवाई को प्राथामिकता से किए जाने की व्यवस्था की ओर विचार करें। 

प्रदेश के मंदसौर में पिछले सप्ताह आठ साल की एक बच्ची से सामूहिक दुष्कर्म के बाद दो दिन पहले सतना में चार साल की एक मासूम से दुष्कर्म का मामला सामने आया है। दोनों ही मामलों में आरोपी पुलिस गिरफ्त में आ चुके हैं। इंदौर में भी इस साल मई में तीन महीने की एक बच्ची के साथ दुष्कर्म और हत्या का मामला सामने आया था। इंदौर की अदालत ने इस मामले में कुछ ही दिन में सुनवाई पूरी करते हुए दोषी को फांसी की सजा सुनाई थी।

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