“आप” में इस्तीफे का हाहा-कार, गोपाल राय लगाएंगें आप की नैया पार!
आम आदमी पार्टी में बुधवार को चुनावी नतीजों के बाद शुरू हुआ इस्तीफे का दौर थमने का नाम नहीं ले रहा है;
नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी में बुधवार को चुनावी नतीजों के बाद शुरू हुआ इस्तीफे का दौर थमने का नाम नहीं ले रहा है।
आप संयोजक दिलीप पांडे का इस्तीफा तुरंत मंजूर होने से जहां लोग चकित थे, तो वहीं अब आप ने दिल्ली सरकार में मंत्री गोपाल राय को पार्टी का दिल्ली संयोजक नियुक्त कर दिया है।
आम आदमी पार्टी के संयोजक व दिल्ली सरकार के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के घर पर आयोजित विधायकों की बैठक में इस बाबत फैसला लिया गया।
वहीं दूसरी ओर, निगम चुनाव की हार के बाबत अभी जिम्मेदारी लेने का सिलसिला जारी है। जहां कुछ नेता हार की जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफे की पेशकश कर रहे हैं, तो पंजाब में आप प्रभारी संजय सिंह ने पार्टी को अपना इस्तीफा सौंप दिया है।
इसके अलावा गुरूवार को लगातार आप नेता चुनाव में हार के लिए अपनी जिम्मेदारी सुनिश्चित कर इस्तीफे की पेशकश कर चुके हैं।
दिल्ली प्रदेश के प्रभारी आशीष तलवार ने निगम चुनाव में हार पर अपनी नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा दे दिया है, तो पंजाब में पार्टी के सह-प्रभारी दुर्गेश पाठक ने भी अपना पद छोड़ दिया है।
दुर्गेश पाठक ने ट्वीट कर अपने फैसले के बारे में बताते हुए कहा कि वह आप के पंजाब सह-प्रभारी के पद से इस्तीफा दे चुके हैं। देश को बेहतर बनाने के लिए वह पार्टी कार्यकर्ता के रूप में निरंतर कार्य करेंगे।
बता दें कि बुधवार को निगम चुनाव के नतीजे आने के तुरंत बाद चांदनी चौक से विधायक अलका लांबा ने भी इस्तीफे की पेशकश की थी, तो मालवीय नगर विधायक सोमनाथ भारती भी इस्तीफे की बात कर चुके हैं। नगर निगम चुनाव के प्रचार अभियान व रणनीति की जिम्मेदारी दिल्ली के संयोजक पांडे व प्रभारी आशीष तलवार को साझा रूप से सौंपी गई थी।
आप नेताओं ने माना कि निगम चुनाव की हार के बाद अरविंद केजरीवाल बेशक ईवीएम पर ठीकरा फोड़ रहे हैं, लेकिन उनके कई करीबी मान चुके हैं कि कहीं न कहीं जनता ने आप पर अविश्वास जताया है। इसी के चलते अरविंद केजरीवाल के करीबी मंत्री कपिल मिश्रा ने पार्टी नेताओं को आत्मचिंतन की सलाह दी है, तो वहीं कई करीबी नेताओं पर तलवार चल गई है।
पंजाब के प्रभारी संजय सिंह हों, दिल्ली के अध्यक्ष दिलीप पांडे या फिर दुर्गेश पाठक। इन सभी नेताओं को अरविंद केजरीवाल के करीबी लोगों में शुमार किया जाता रहा है। इन नेताओं के पास ही पंजाब व दिल्ली के चुनावों की रणनीति को अमलीजामा पहनाने की जिम्मेदारी थी।
संजय सिंह और दुर्गेश पाठक पर पंजाब में टिकट बेचने और कार्यकर्ताओं को नजरअंदाज करने समेत कई आरोप लग रहे थे, लेकिन, अरविंद केजरीवाल का इन सभी नेताओं पर भरोसा था। हार के बाद अब इन नेताओं के इस्तीफों से साफ है कि पार्टी में टकराव को टालने और असंतोष से निपटने के लिए यह कवायद शुरू हुई है।