महामारी की लड़ाई में पेट्रोलियम और इस्पात क्षेत्र का अहम योगदान : धर्मेंद्र प्रधान

पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस तथा इस्पात मंत्री धर्मेंद्र प्रधान की कोशिशों के बाद पानीपत में 500 बेड का कोविड केयर सेंटर बनकर तैयार हुआ है;

Update: 2021-05-16 23:12 GMT

नई दिल्ली। पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस तथा इस्पात मंत्री धर्मेंद्र प्रधान की कोशिशों के बाद पानीपत में 500 बेड का कोविड केयर सेंटर बनकर तैयार हुआ है। यह कोविड केयर सेंटर इंडियन ऑयल ने हरियाणा सरकार के साथ मिलकर तैयार किया है। केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने सोमवार को हरियाणा में पानीपत के गांव बाल जाटान के पास 500 बेड के कोविड केयर अस्पताल का उद्घाटन किया। इस अवसर पर हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज और करनाल लोकसभा सांसद संजय भाटिया भी मौजूद थे। इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन लिमिटेड इसके लिए गैसीय ऑक्सीजन की आपूर्ति करेगी। पानीपत में रिफाइनरी के पास बने अस्थायी कोविड अस्पताल का नाम गुरु तेग बहादुर संजीवनी कोविड अस्पताल रखा गया है। इस अस्पताल को बनाने का काम युद्धस्तर पर 29 अप्रैल को शुरू हुआ था। संबंधित जिला सिविल अस्पताल से रेफर होने के बाद अस्पताल आसपास के जिलों जैसे पानीपत, करनाल, सोनीपत आदि से मरीजों की जरूरतें पूरी करेगा। इस अस्पताल में सरकारी डॉक्टरों, प्रशिक्षु डॉक्टरों, नर्सों एवं नसिर्ंग छात्रों समेत 275 से अधिक स्वास्थ्य पेशेवर तैनात होंगे। यह अस्पताल इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन लिमिटेड, पानीपत रिफाइनरी और पेट्रोकेमिकल कॉम्प्लेक्स द्वारा स्थापित 15 मीट्रिक टन प्रतिदिन अधिकतम क्षमता की समर्पित गैसीय ऑक्सीजन पाइपलाइन से लैस है। इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन लिमिटेड ने स्वास्थ्य कर्मियों के ठहरने की भी व्यवस्था की है जो छह महीने की अवधि के लिए आसपास के होटलों में रह कर इस अस्पताल में काम करेंगे।

इस अवसर पर बोलते हुए प्रधान ने इंडियन ऑयल और हरियाणा सरकार को इतनी कम अवधि में इस परियोजना को पूरा करने के लिए बधाई दी। कोविड-19 महामारी को एक सदी में आया बड़ा संकट बताते हुए उन्होंने कहा कि भारत सरकार कोविड-19 के दूसरे उछाल के खिलाफ लड़ने और जान बचाने के लिए अथक प्रयास कर रही है। महामारी के खिलाफ भारत की लड़ाई में पेट्रोलियम और इस्पात क्षेत्र के योगदान के बारे में प्रधान ने कहा कि ये दोनों क्षेत्र मिलकर दैनिक आधार पर लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन (एलएमओ) की राष्ट्रीय आवश्यकता के प्रमुख भाग की आपूर्ति कर रहे हैं। उन्होंने एलएमओ के आयात, ऑक्सीजन कंसंट्रेटर और क्रायोजेनिक कंटेनरों की खरीद, रिफाइनरियों में सिलेंडर भरने और तरल ऑक्सीजन के परिवहन के लिए लॉजिस्टिक्स सहायता प्रदान करने जैसे कदमों पर भी प्रकाश डाला।

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