अवैध तरीके से आना और रहना देश की सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा: केंद्र

रोहिंग्या शरणाथियों के मामले में केन्द्र सरकार ने उच्चतम न्यायालय में आज एक हलफनामा दाखिल कर कहा है कि इनका अवैध तरीके से आना और रहना देश की सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा है;

Update: 2017-09-18 14:20 GMT

नयी दिल्ली। रोहिंग्या शरणाथियों के मामले में केन्द्र सरकार ने उच्चतम न्यायालय में आज एक हलफनामा दाखिल कर कहा है कि इनका अवैध तरीके से आना और रहना देश की सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा है। पंद्रह पृष्ठों के केन्द्र के हलफनामे में कहा गया है कि देश में ऐसे अवैध प्रवासियों की संख्या 40 हजार से अधिक है।

हलफनामे में कुछ रोहिंग्या के पाकिस्तानी आतंकवादी संगठनों से जुड़े होने की भी जानकारी सुरक्षा एजेंसियों ने दी है। मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा ने इस मामले की अगली सुनवाई तीन अक्टूबर तय करते हुए कहा है कि न्यायालय कानून के अनुरुप काम करेगा। न्यायाधीश ने याचिकाकर्ता के अधिवक्ताओं फली एस नरीमन और कपिल सिब्बल से सरकार के हलफनामा के आधार पर ही बात रखने के लिए कहा है।

हलफनामे में कहा गया रोहिंग्या शरणाथिर्यों को किसी भी सूरत में देश में रहने की इजाजत नहीं देने का आग्रह करते हुए न्यायालय से इस मामले में हस्तक्षेप नहीं करने का अनुरोध किया गया है।

हलफनामे में सरकार ने स्पष्ट कहा है कि ऐसे रोहिंग्या शरणार्थी जिनके पास संयुक्त राष्ट्र के दस्तावेज नहीं हैं, उन्हें हर हाल में देश से जाना होगा। केन्द्र ने कहा है कि रोहिंग्या आतंकवादी दिल्ली, मेवाड़, जम्मू और हैदराबाद में सक्रिय हैं।
 

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