मैं आप विरोधी ब्रिगेड का हिस्सा नहीं हूं: आशुतोष
आम आदमी पार्टी (आप) पर आज जातिगत राजनीति के लिए उनके उपनाम का प्रयोग करने का आरोप लगाने के दो घंटे बाद ही पार्टी के पूर्व नेता आशुतोष ने स्पष्ट किया कि उनके बयान को गलत समझा गया है;
नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी (आप) पर आज जातिगत राजनीति के लिए उनके उपनाम का प्रयोग करने का आरोप लगाने के दो घंटे बाद ही पार्टी के पूर्व नेता आशुतोष ने स्पष्ट किया कि उनके बयान को गलत समझा गया है और वह आप विरोधी ब्रिगेड का हिस्सा नहीं हैं।
My tweet is misunderstood by TV HAWKS. I am no longer with AAP, not constrained by party discipline and free to express my views. It will be wrong to attribute my words as attack on AAP. It will be gross manipulation of media freedom. Spare me. I not member of anti-AAP BRIGADE.
आशुतोष ने ट्वीट कर कहा था, "मेरे 23 साल की पत्रकारिता में किसी ने मेरी जाति या उपनाम नहीं पूछा। मैं अपने नाम से जाना जाता हूं। लेकिन, जब मुझे 2014 में पार्टी कार्यकर्ताओं से बतौर लोकसभा उम्मीदवार के रूप में मिलवाया गया तो मेरे विरोध के बावजूद मेरे जाति उपनाम का जोर देकर उल्लेख किया गया। बाद में, मुझे बताया गया कि मेरे निर्वाचन क्षेत्र में मेरी जाति के मतदाता बड़ी संख्या में हैं।"
In 23 years of my journalism, no one asked my caste, surname. Was known by my name. But as I was introduced to party workers as LOKSABHA candidate in 2014 my surname was promptly mentioned despite my protest. Later I was told - सर आप जीतोगे कैसे, आपकी जाति के यहाँ काफी वोट हैं ।
अपने इस ट्वीट के दो घंटे के भीतर उन्होंने दावा किया कि उन्हें गलत समझा गया है।
उन्होंने ट्वीट में कहा, "मेरे ट्वीट को आक्रामक (हॉक) टीवी वालों द्वारा गलत समझा गया। मैं अब आप से जुड़ा नहीं हूं, मैं पार्टी अनुशासन से बंधा नहीं हूं और अपने विचार व्यक्त करने के लिए मुक्त हूं। मेरे शब्दों को आप पर हमले के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए। यह मीडिया की स्वतंत्रता के नाम पर भारी चालबाजी होगी। मुझे इससे अलग रखिए। मैं आप विरोधी ब्रिगेड का सदस्य नहीं हूं।"
पता चला है कि बीजेपी मेरे ट्वीट पर प्रेसर कर रही है । अच्छा है । बीजेपी को गंगा मइयाँ में खड़ा खोकर कहना चाहिये/ गौ माता को छू कर कहना चाहिये कि वो जाति के आधार पर न तो टिकट देती है और न ही वोट माँगती है । असली “हिंदू” होंगे तो ये ज़रूर कहेंगे ।
पूर्व पत्रकार ने 'बहुत बहुत निजी कारणों' का हवाला देते हुए 15 अगस्त को पार्टी छोड़ दी थी।
2019 लोकसभा चुनाव के लिए आप की पूर्वी दिल्ली से उम्मीदवार आतिशी द्वारा चुनाव अभियान शुरू करने से पहले अपना उपनाम 'मार्लेना' हटाने के बाद जाति को लेकर यह राजनीति विवाद शुरू हुआ है। सूत्रों का कहना है कि उनका उपनाम ईसाई जैसा प्रतीत होता है और विरोधियों द्वारा आम लोगों के बीच इसे लेकर प्रचार किया जा रहा है।
लेकिन, पार्टी ने जातिगत राजनीति की इन खबरों को सिरे से खारिज कर दिया है।
आप के संयुक्त सचिव अक्षय मराठे ने बुधवार को एक ट्वीट में कहा, "मुख्य दलों में केवल आप ही एक मात्र पार्टी है, जिसने एक बिना राजनीतिक पृष्ठभूमि वाली महिला शिक्षाविद् व नीति निर्माता को मैदान में उतारने का साहस दिखाया है।"
उन्होंने कहा, "आतिशी जैसी एक प्रगतिशील राजनेता जो वोट के लिए अपने नाम में 'सिंह' उपनाम का प्रयोग नहीं करतीं, उन्हें केवल इसलिए निशाना बनाया जा रहा है क्योंकि उन्हें बिना 'मार्लेना' के आतिशी का प्रयोग किया।"
संयुक्त सचिव ने कहा, "हमारा ध्यान शिक्षा और स्वास्थ्य पर है न कि जाति और धर्म की पहचान पर।"