मानवाधिकार आयोग ने यौन शोषण की घटनाओं पर केन्द्र और राज्यों से मांगी रिपोर्ट
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने देश में यौन शोषण की बढती घटनाओं पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए इन मामलों से निपटने की प्रक्रिया तथा निर्भया निधि के इस्तेमाल के बारे में रिपोर्ट देने को कहा;
नयी दिल्ली । राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने देश में यौन शोषण की बढती घटनाओं पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए इस संबंध में मीडिया में आयी रिपोर्टों का संज्ञान लेते हुए केन्द्र, राज्यों तथा केन्द्र शासित प्रदेशों की सरकारों को नोटिस जारी कर इन मामलों से निपटने की प्रक्रिया तथा निर्भया निधि के इस्तेमाल के बारे में रिपोर्ट देने को कहा है।
आयोग का मानना है कि इस बुराई से निपटने के लिए सभी पक्षधारकों को मिलकर काम करने की बेहद अधिक जरूरत है। उसने महिला और बाल विकास मंत्रालय के सचिव से केन्द्र सरकार की इस संबंध में निर्भया तथा अन्य योजनाओं के बारे में छह सप्ताह में रिपोर्ट देने को भी कहा।
आयोग ने नोटिस जारी करते हुए यह भी माना कि दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र जिसने सबसे लंबा लिखित संविधान अपनाया है और जिसमें लिंग समानता की सांस्कृतिक धरोहर है आज उसी लोकतंत्र की महिलाओं के लिए सबसे असुरक्षित माहौल होने के लिए आलोचना की जा रही है। बलात्कार, यौन छेड़छाड़ , लैंगिक भेदभाव और महिलाओं के खिलाफ इस तरह की अन्य घटनाएं दुर्भाग्य से मीडिया की नियमित हैडलाइन बन गयी हैं।
इस तरह की घटनाओं को पीड़ितों के मानवाधिकारों का उल्लंघन करार देते हुए आयोग ने यह भी कहा कि वह इस मुद्दे की गंभीरता को समझता है। राष्ट्रीय स्तर पर मानवाधिकारों का संरक्षण करने वाली शीर्ष संस्था होने के नाते वह इस मामले में हस्तक्षेप जरूरी मानती है जिससे यह पता चल सके कि सरकार और अन्य एजेन्सियों की भूमिका में किस स्तर पर कमी है और तत्काल क्या कदम उठाया जा सकता है।