विभिन्न मामलों में मानवाधिकार आयोग ने लिया संज्ञान
मध्यप्रदेश के विभिन्न जिलों में हुई कई घटनाओं पर मानवाधिकार आयोग ने संज्ञान लेते हुए संबंधित अधिकारियों से रिपोर्ट चाही है;
भोपाल। मध्यप्रदेश के विभिन्न जिलों में हुई कई घटनाओं पर मानवाधिकार आयोग ने संज्ञान लेते हुए संबंधित अधिकारियों से रिपोर्ट चाही है। आयोग के जनसंपर्क अपर संचालक एलआर सिसोदिया की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक विदिशा जिले में स्वीकृत 145 शाला भवनों का कार्य पूरा नहीं होने को मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने गंभीरता से लेते हुए कलेक्टर और जिला शिक्षा अधिकारी से रिपोर्ट मांगी है।
आयोग ने जानना चाहा है कि शाला भवनों का निर्माण कार्य किन कारणों के चलते अभी तक पूरा नहीं हुआ और विलम्ब के लिए दोषी निर्माण एजेंसी के खिलाफ अभी तक क्या कार्यवाही की गई।
आयोग ने सीहोर जिला चिकित्सालय की नवजात शिशु गहन चिकित्सा इकाई पिछले दो साल से बिना वेंटीलेटर संचालित होने पर संज्ञान लिया है। आयोग ने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी सीहोर से रिपोर्ट तलब की है।
मानवाधिकार आयोग ने जिला मुख्यालय छतरपुर से 70 कि.मी. दूर ग्राम गोधरा स्थित प्राथमिक शाला में आठ साल की एक बच्ची से जबरन मैला उठवाए जाने की घटना पर भी संज्ञान लेते हुए कलेक्टर से जवाब तलब किया है।
बच्ची द्वारा मजबूरन खुले में शौच कर दिया गया था, जिस पर दबंगों ने उसी बच्ची से मैला जबरिया साफ कराया था। आयोग ने नरसिंहपुर जिले के तहसील मुख्यालय गोटेगांव स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में चिकित्सा सेवाओं में लापरवाही बरतने के चलते नवजात शिशु की मृत्यु हो जाने की घटना पर संज्ञान लिया है। आयोग ने घटना के संबंध में उप संचालक स्वास्थ्य सेवाएं जबलपुर से दस्तावेजों सहित रिपोर्ट मांगी है।
आयोग ने सतना जिले के ग्राम मंझगवां निवासी कृषक मनोज व्यास द्वारा समर्थन मूल्य पर बेचे गए गेंहू का भुगतान नहीं मिलने से आत्महत्या कर लेने की घटना पर स्वतः संज्ञान लेते हुए कलेक्टर से रिपोर्ट मांगी है।
खबर के मुताबिक मृतक किसान ने मेहुली सोसायटी में 86 क्विटंल गेहूं बेचा था जिसका भुगतान जून माह से अटका हुआ था। आयोग ने मंझगवा सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में इलाज नहीं मिलने के चलते नवजात की मृत्यु हो जाने की घटना पर भी संज्ञान लिया है। स्वास्थ्य केन्द्र में प्रसूता अनीजा सिंह को प्रसव पीडा के चलते लाया गया था जहां उसने एक बच्चे को जन्म दिया। बच्चे को बुखार था जिसकी तरफ डाक्टर्स ने कोई ध्यान नहीं दिया और बच्चे की मृत्यु हो गई।