लिंगायत मुद्दे का परीक्षण करेगा गृह मंत्रालय

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने को कहा कि वह हिंदू धर्म के लिंगायत और वीरशैव लिंगायत पंथ को धार्मिक अल्पसंख्यक का दर्जा देने की कर्नाटक सरकार की अनुशंसा का परीक्षण इस संबंध में प्रस्ताव मिलने के बाद करेगा;

Update: 2018-03-20 22:07 GMT

नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि वह हिंदू धर्म के लिंगायत और वीरशैव लिंगायत पंथ को धार्मिक अल्पसंख्यक का दर्जा देने की कर्नाटक सरकार की अनुशंसा का परीक्षण इस संबंध में प्रस्ताव मिलने के बाद करेगा। कर्नाटक सरकार ने सोमवार को लिंगायत को एक अलग धर्म के रूप में मान्यता देने पर सहमति जताई थी और राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग अधिनियम के अंतर्गत इस प्रस्ताव को केंद्र सरकार को भेजने का फैसला किया था।

गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यहां कहा कि कर्नाटक सरकार से प्रस्ताव प्राप्त होने के बाद इस मुद्दे का परीक्षण किया जाएगा।

मंत्रालय के एक अन्य अधिकारी ने कहा, "अगर कर्नाटक सरकार से यह प्रस्ताव प्राप्त होता है, गृह मंत्रालय विस्तृत परीक्षण और सुझाव के लिए उसे महापंजीयक और जनगणना आयुक्त के पास भेज सकता है।"

राज्य सरकार ने आगामी विधानसभा चुनाव से पहले सोमवार को सर्वसम्मति से लिंगायत और वीरशैव लिंगायत को धार्मिक अल्पसंख्यक का दर्जा देने का निर्णय लिया है।

कर्नाटक के कानून मंत्री टी.बी. जयचंद्र ने सोमवार को कहा था कि यह निर्णय कर्नाटक राज्य अल्पसंख्यक आयोग की अनुशंसा पर आधारित है।

लिंगायत पंथ को अलग धर्म का दर्जा दिए जाने की अनुशंसा उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश एच. एन. नागमोहन दास की अगुवाई वाली सात सदस्यीय समिति ने भी की है। सिद्धारमैया सरकार ने दिसंबर 2017 में इस समिति का गठन किया था और समिति ने दो मार्च को अपनी रपट सौंप दी थी।

भाजपा और हिंदू समुदाय के कई धड़ों ने इस मामले पर सतर्कता पूर्ण तरीके से अपना पक्ष लिया और कहा है कि सिद्धारमैया सरकार ने आगामी विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक लाभ उठाने के लिए समाज को बांटने का काम किया है। 

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