सीमा पर निगरानी सुरक्षा प्रणाली का गृहमंत्री ने किया उद्घाटन

राजनाथ सिंह ने आज असम के धुबरी जिले में भारत-बंगलादेश सीमा पर तकनीकी सक्षम निगरानी सुरक्षा प्रणाली का उद्घाटन किया;

Update: 2019-03-05 20:00 GMT

गुवाहाटी। केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने आज असम के धुबरी जिले में भारत-बंगलादेश सीमा पर तकनीकी सक्षम निगरानी सुरक्षा प्रणाली का उद्घाटन किया।

बोल्ड-क्यूइट परियोजना के अंतर्गत समग्र समेकित सीमा प्रबंधन व्यवस्था (सीआईबीएमएस) नामक एक नयी प्रणाली उन क्षेत्रों में 24 घंटे तकनीकी निगरानी रखेगी जिनमें मानव निगरानी बहुत मुश्किल है।

इस अवसर पर असम के मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल और सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के निदेशक रजनीकांत मिश्रा भी मौजूद थे।

गौरतलब है कि बीएसएफ बंगलादेश सीमा से लगती 4096 किलोमीटर लंबी भारतीय सीमा की सुरक्षा की जिम्मेदारी संभालता है लेकिन कई स्थानों पर भौगोलिक बाधाओं के कारण सीमा बाड़ खड़ी करना संभव नहीं है।

ब्रह्मपुत्र नदी जैसे ही धुबरी जिले से बंगलादेश में प्रवेश करती है वहां लगातार 61 किलोमीटर क्षेत्र में छोटी-छोटी असंख्य नदियां और जलीय भूमि है। इसके कारण इस क्षेत्र में सीमा की चौकसी करना विशेषकर बरसात के मौसम में एक चुनौतीपूर्ण कार्य है। 

इस समस्या से निजात पाने के लिए गृह मंत्रालय ने वर्ष 2017 में तकनीकी प्रणाली को अपनाने का निर्णय लिया और जनवरी 2018 में बीएसएफ की सूचना एवं प्रौद्योगिकी शाखा ने बोल्ड-क्यूइट (बॉर्डर इलेक्ट्रानिक डोमिनेटिड क्यूआरटी इंटरपीटेशन टेकनीक) परियोजना की शुरुआत की और निर्माता एवं आपूर्तिकर्ताओं की मदद से इसे रिकार्ड समय में पूरा कर लिया।

परियोजना के अंतर्गत बीएसएफ भारत-बंगलादेश सीमा पर एेसी तकनीकी प्रणाली स्थापित करेगी जिसमें ब्रह्मपुत्र और सहायक नदियों के क्षेत्र में विशेष तरह के सेंसर के जरिये निगरानी की जाएगी। 

यहां ब्रह्मपुत्र नदी के पूरे क्षेत्र को माइक्रोवेव कम्युनिकेशन, ओएफसी केबल, डीएमआर कम्युनिकेशन, दिन-रात निगरानी करने वाले निगरानी कैमरों और घुसपैठ का पता लगाने वाली प्रणाली से सुरक्षित किया जाएगा। 

गृहमंत्री ने पिछले वर्ष सितंबर में जम्मू में भारत-पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय सीमा पर निगरानी की इसी तरह की पांच-पांच किलोमीटर की दो अन्य परियोजनाओं का उद्घाटन किया था। 

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