पुरानी जीटी रोड पर अतिक्रमण का बोलबाला, पैदल निकलना दूभर

होडल ! पुराना जीटी रोड राजीव गांधी चौक से लेकर चरण सिंह चौक तक बाजार में दुकानदारों द्वारा सडक़ मार्ग पर किए गए अतिक्रमण ने बाजार की सूरत बिगाडक़र रख दी है।;

Update: 2017-04-24 05:03 GMT

होडल !   पुराना जीटी रोड राजीव गांधी चौक से लेकर चरण सिंह चौक तक बाजार में दुकानदारों द्वारा सडक़ मार्ग पर किए गए अतिक्रमण ने बाजार की सूरत बिगाडक़र रख दी है। अतिक्रमण के कारण 60 फुट की सडक़ मात्र तीन फुट की ही रह गई। आजकल चिलचिलाती धूप और गर्मी के कारण यहां से पैदल निकलना भी दूभर हो जाता है।  जाम के कारण यहां से निकलने में लोगों के पसीना छूट जाते हैं। उस समय स्थित और भी ज्यादा बिगड जाती है जब स्कूलों से छुट्टी होने के बाद स्कूली वाहन भी इसी बाजार से निकलते हैं।

 दुकानदारों द्वारा बाजार में फुटपाथ पर किया गया अतिक्रमण कई बार दुकानदार व ग्राहकों के बीच झगड़े का कारण बन जाता है। स्थानीय प्रशासन है कि इस बारे में सब कुछ जानते हुए भी अनजान बना हुआ है। मजेदार बात यह है कि इसी जाम से रोजाना दर्जनों पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों की गाडिय़ां भी फंसी रहती हैं, लेकिन कार्रवाई के नाम पर लाचार दिखाई देते हैं। दुकानदारों द्वारा कई बार शिकायत के बावजूद भी अधिकारी कुछ नहीं कर पा रहे हैं। बल्कि अतिकक्रमण हटाने के नाम पर केवल एक या दो दिन अभियान चलाकर इति श्री कर लेते हैं। पुरानी जीटी रोड पर है सबसे ज्यादा अतिक्रमण इस बाजार में दुकानदारों ने दुकानों के आगे कई फुट तक सडक़ मार्ग पर अतिक्रमण कर तख्त लगाए हुए हैं जिन पर दुकानों का सामान फैला रहता है। अतिक्रमण के कारण लगभग 60 फुट की सडक़ मात्र पंद्रह फुट की होकर रह गई है। बाजार में दुकानदारों ने अपनी अपनी दुकानों के जूता चप्प्ल, साईकिल में टायर पंचर लगाने के कार्य, स्कूली बैग, किताबों के ढेर, रेडीमेड, फल व खौमचा की रहेडी,कपड़े के अलावा कपड़े सिलाई करने वाले दर्जी तक बिठाए हुए हैं जिनसे दुकानदार रोजाना हजारों रुपए अवैध वसूली करते हैं। बाजार में कई बार तो अतिक्रमण झगड़े का कारण बन जाता है। प्रशासन द्वारा अतिक्रमण हटाने के नाम पर यहां आज तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। अगर प्रशासन का ढुलमुढ़ रवैया इसी प्रकार चलता रहा तो अतिक्रमण उनके लिए एक दिन नासूर बन जाएगा। शहर के लोगों ने अब बाजार में बढ़ते जा रहे अतिक्रमण को हटाने की मांग शुरु कर दी है। सामाजिक संगठन एवं सत्ता पक्ष से जुड़े स्थानीय नेता इस मांग को पहले भी प्रशासन के समक्ष उठा चुके हैं लेकिन समाधान के नाम पर प्रशासनिक अधिकारियों ने जरा भी गंभीरता नहीं दिखाई है। जिसके कारण अतिक्रमणकारियों के हौंसले बुलंद होते जा रहे हैं। बाजार में अतिक्रमण का आलम यह है कि दुपहिया वाहन तो दूर, यहां से पैदल निकलना भी बहुत कठिन काम है। मोटरसाइकिलों पर खरीदारी के लिए आने वाले ग्राहकों की मोटरसाइकिल भी इसी बाजार में खडी रहती हैं। जिसके कारण यहां पूरा दिन जाम की स्थिती बनी रहती है।
प्रशासन द्वारा शहर में किए गए अतिक्रमण को बगैर भेदभाव के हटाना चाहिए। शहर में चारों तरफ अतिक्रमण का बोलबाला है। इस बाजार से तो पैदल निकलना भी कठिन कार्य है।                 
- जयप्रकाश तिवारी

 

सडक पर अतिक्रमण करने वालों के खिलाफ प्रशासन द्वारा कडी कार्रवाई करनी चाहिए। जब तक प्रशासन अतिक्रमण के प्रति गंभीर नहीं होगा तव तक इस पर रोक नहीं लक सकती है।              लवली हसीजा
सडकों पर हो रहे अतिक्रमण के बारे में वार्ड पार्षद, पालिका व प्रशासनिक अधिकारियों को कई बार अवगत कराया जा चुका है लेकिन समस्या का कोई समाधान नहीं हो सका है। अगर प्रशासन की कार्यप्रणली इसी प्रकार चलती रही तो प्रशासन के लिए अतिक्रमण एक दिन नासूर बन जाएगा।                     
कैलाश मंगला

बाजार में लगातार बढते जा रहे अतिक्रमण की समस्या को दूर करने के नगर परिषद के अधिकारियों के साथ विचार किया जा रहा है। शीघ्र ही प्रशासन पुलिस बल के साथ बाजार से अतिक्रमण हटाने की प्रक्रिया शुरु करेगा। अगर फिर दोवारा से किसी ने बाजार में अतिक्रमण करने की कोशिश तो उसके खिलाफ सीधे पुलिस कार्रवाई की जाएगी। 

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