शिमला। Shimla News: इंदिरा गांधी मेडिकल कालेज एवं अस्पताल (IGMC में सोमवार को मरीज और डॉक्टर में विवाद के बाद लात-घूंसे चले। इस घटना के चलते अस्पताल परिसर में देर शाम तक माहौल तनावपूर्ण रहा। स्वास्थ्य विभाग ने मंत्री के आदेश पर डॉक्टर को निलंबित कर दिया है। तीन सदस्यीय जांच कमेटी की सिफारिश पर सीनियर रेजिडेंट डॉक्टर राघव के विरुद्ध कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू करते हुए मामला अनुशासनात्मक कमेटी को सौंप दिया है। पुलिस ने स्वजन की शिकायत पर थाना सदर में मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
डॉक्टरों ने दी थी आराम करने की सलाह
स्वजन के अनुसार कुपवी के रहने वाले अर्जुन पंवार एंडोस्कोपी कराने IGMC पहुंचे थे। जांच के बाद डॉक्टरों ने उन्हें आराम करने की सलाह दी। सांस लेने में तकलीफ होने पर वह पास के एक अन्य वार्ड में पहुंचे, जहां खाली बेड देखकर लेट गए। इसी दौरान करीब सढ़े 12 बजे वहां पहुंचे डॉक्टर ने पूछा कि वह यहां कैसे आ गया। स्वजन ने स्पष्ट किया कि आराम की सलाह डॉक्टर ने ही दी थी और बेड खाली था। स्वजन का आरोप है कि इसके बाद डॉक्टर ने मरीज से अभद्र भाषा में बात की। मरीज ने सम्मानजनक व्यवहार की मांग की तो डॉक्टर ने पिटाई शुरू कर दी। बीच-बचाव करने आए लोगों को भी फटकारने का आरोप लगाया है।
परिजनों ने की प्रशासन के विरुद्ध नारेबाजी
रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन का कहना है कि पहले मरीज ने डाक्टर के साथ बदतमीजी की, उसके बाद विवाद हुआ। घटना का वीडियो सोशल पर वायरल होने के बाद करीब डेढ़ बजे मरीज के परिजन और क्षेत्रवासी बड़ी संख्या में अस्पताल पहुंचे और प्रशासन के विरुद्ध नारेबाजी की। परिजन ने डॉक्टर से माफी और सख्त कार्रवाई की मांग करते हुए आंदोलन जारी रखने की चेतावनी दी। चार बजे स्वास्थ्य मंत्री ने पहले डॉक्टर को छुट्टी पर भेजा।
साढ़े पांच बजे तीन सदस्यीय जांच कमेटी की रिपोर्ट के बाद सरकार ने डॉक्टर को निलंबित किया। साढ़े छह बजे डॉक्टर के निलंबन के बाद निदेशालय मुख्यालय तय किया। इस घटना के बाद देर शाम जांच कमेटी के कक्ष के बाहर रेजिडेंट डाक्टर्स एसोसिएशन के सदस्य और मरीज के तीमारदार आमने-सामने आ गए। दोनों पक्षों ने एक दूसरे के विरुद्ध नारेबाजी की। एक-दूसरे पर हमला करने की कोशिश तक की गई। मौके पर मौजूद पुलिस ने स्थिति को संभाला।
किसने क्या कहा
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धनीराम शांडिल ने कहा कि आइजीएमसी प्रबंधन को प्रदेश सचिवालय तलब किया व पूरे मामले की जानकारी हासिल की। डॉक्टर को निलंबित कर दिया है। अनुशासनात्मक कमेटी की रिपोर्ट आने के बाद अंतिम कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। पुलिस निष्पक्ष कार्रवाई करे, इसके लिए एसपी शिमला से बात करेंगे। मरीजों के साथ दुर्व्यवहार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
शिमला के कुपवी के रहने वाले पीड़ित अर्जुन पंवार ने कहा, डॉक्टर को बर्खास्त करना चाहिए। निलंबन के बाद डॉक्टर फिर से काम पर लौट आएंगे और इसके बाद लोगों के साथ आने वाले समय में भी ऐसा ही व्यवहार करेंगे। बिना किसी कारण के डॉक्टर ने उनके साथ हाथापाई की है।
आइजीएमसी के एमएस डॉ. राहुल राव ने कहा कि आरोपित डॉक्टर को सस्पेंड कर दिया गया है। मुख्यमंत्री ने इस पूरे मामले में कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। फिलहाल डाक्टर का पक्ष आना बाकी है। इस मामले में निष्पक्ष कार्रवाई की जाएगी।