हिजाब विवाद : बेंगलुरु में निषेधाज्ञा लागू

कर्नाटक में अस्थिर स्थिति जारी रहने की संभावना है, क्योंकि राज्य सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि हिजाब या भगवा शॉल ओढ़कर आने वाली छात्राओं को स्कूलों में नहीं घुसने दिया जाएगा;

Update: 2022-02-10 01:14 GMT

बेंगलुरु। कर्नाटक में अस्थिर स्थिति जारी रहने की संभावना है, क्योंकि राज्य सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि हिजाब या भगवा शॉल ओढ़कर आने वाली छात्राओं को स्कूलों में नहीं घुसने दिया जाएगा। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए और राजधानी शहर में टकराव को रोकने के लिए बेंगलुरु के पुलिस आयुक्त कमल पंत ने 9 फरवरी से 22 फरवरी तक दो सप्ताह के लिए निषेधाज्ञा लागू कर दी है। निषेधाज्ञा के तहत बेंगलुरु शहर में स्कूल परिसर, पीयू कॉलेज, डिग्री कॉलेज या इसी तरह के अन्य शिक्षण संस्थानों से 200 मीटर के दायरे में किसी भी तरह की सभा, विरोध या आंदोलन की अनुमति नहीं दी जाएगी।

शिक्षा मंत्री बी.सी. नागेश और गृहमंत्री अरागा ज्ञानेंद्र ने कहा है कि सरकारी सर्कुलर के अनुसार छात्राओं को कक्षाओं में शामिल होने के लिए केवल स्कूल ड्रेस में आना होगा। स्कूल और कॉलेज फिर से खोलने पर फैसला राज्य सरकार करेगी। इस समय हिजाब विवाद के हिंसक रूप लेने के बाद राज्य में हाई स्कूल, कॉलेजों में सोमवार तक के लिए अवकाश घोषित किया गया है।

मंत्री नागेश ने कहा कि हिजाब पहनने पर जोर देने वाली छात्राएं ऑनलाइन कक्षाओं में भाग ले सकते हैं। फैसला आने तक छात्राओं को यूनिफॉर्म में ही कक्षाओं में आना होगा। कक्षाओं को फिर से खोलने पर मुख्यमंत्री से चर्चा के बाद फैसला लिया जाएगा। नागेश ने समझाया कि अगर छात्र शुक्रवार को परीक्षा आयोजित नहीं करने के लिए कहते हैं, तो ऐसे अनुरोधों पर विचार नहीं किया जा सकता।

मंत्री नागेश ने कहा, केवल छह छात्रों ने इस विवाद को शुरू किया। बच्चों को उकसाया गया है और उन्होंने कक्षाओं का बहिष्कार करने का निर्णय लिया है। कुछ संगठनों और राजनीतिक दलों ने इस अवसर का उपयोग परेशानी पैदा करने के लिए किया है। बच्चों को वर्दी पर 1995 के नियमों का पालन करना चाहिए। वे अप्रैल में होने वाली परीक्षाओं की तैयारी करें और शांति बनाए रखें।

इस बीच, बागलकोट जिले के बनहट्टी कस्बे में स्थिति हिंसक हो गई है और शहर में आईपीसी की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू की गई है।

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