अभियंता यादव सिंह की ज़मानत याचिका पर सुनवाई टली

उच्चतम न्यायालय ने नोएडा प्राधिकरण के पूर्व मुख्य अभियंता यादव सिंह की जमानत याचिका पर सुनवाई दो सप्ताह के लिए आज टाल दी;

Update: 2017-09-22 15:43 GMT

नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने नोएडा प्राधिकरण के पूर्व मुख्य अभियंता यादव सिंह की जमानत याचिका पर सुनवाई दो सप्ताह के लिए आज टाल दी। 

न्यायमूर्ति एस ए बोबडे और न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव की पीठ ने याचिका की सुनवाई दो सप्ताह के लिए टालने का उस वक्त निर्णय लिया जब प्रवर्तन निदेशालय ने नोटिस के जवाब के लिए कुछ और वक्त देने का आग्रह किया। 

न्यायालय ने कहा कि यादव सिंह की जमानत याचिका पर सुनवाई दो हफ्ते के लिए स्थगित की जाती है।  पीठ ने गत माह हुई सुनवाई के दौरान यादव सिंह की याचिका पर प्रवर्तन निदेशालय को नोटिस जारी करते हुए दो सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया था।

यादव सिंह ने इस मामले में जमानत याचिका निरस्त करने के इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ के फैसले को चुनौती दी है।  उनकी दलील है कि इस मामले में जांच एजेंसी ने निर्धारित अवधि के भीतर उनके खिलाफ अदालत में आरोप पत्र दाखिल नहीं किया है, इसलिए तकनीकी आधार पर वह जमानत के हकदार हैं। हालांकि प्रवर्तन निदेशालय का दावा है कि इस मामले में आरोप पत्र समय के भीतर दाखिल किया गया है। 

गौरतलब है कि प्रवर्तन निदेशालय ने सीबीआई द्वारा दर्ज प्राथमिकी के आधार पर 2015 में यादव सिंह के खिलाफ काले धन को सफेद बनाने (मनीलांडरिंग) के आरोप में मामला दर्ज किया था। 

लखनऊ जेल में बंद यादव सिंह के खिलाफ कई घोटालों के अलावा मनीलांडरिंग का केस भी दर्ज किया गया है। यादव सिंह पर नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना एक्सप्रेस-वे अथॉरिटी के मुख्य अभियंता पद पर रहते हुए गैर-कानूनी तरीके से इलेक्ट्रिक केबल का टेंडर देने का आरोप है। इसी मामले में आठ अक्टूबर 2015 को लखनऊ में ईडी ने भी यादव सिंह के खिलाफ धनशोधन निरोधक अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कर अपनी जांच शुरू की थी। 

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