सोशल मीडिया पर ज्यादा समय देने से अधीर और उग्र हो रहे बच्चे, एक सर्वे मे आया सामने

रिपोर्ट में यह भी सामने आया कि 11 से 37 प्रतिशत किशोरों में सोशल मीडिया की लत के लक्षण पाए गए हैं, जो उनके मानसिक स्वास्थ्य और शैक्षणिक प्रदर्शन पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं।;

Update: 2025-12-22 09:44 GMT
नई दिल्ली : Children on Social media: भारत के आइटी मंत्रालय (IT Ministry) ने पिछले महीने डिजिटल पर्सनल डाटा प्रोटेक्शन (डीपीडीपी) नियम, 2025 को अधिसूचित किया, जिससे बच्चों को सोशल मीडिया के हानिकारक प्रभावों से बचाने की उम्मीदें जगी हैं। इस नए नियम का उद्देश्य बच्चों के डिजिटल डाटा की सुरक्षा सुनिश्चित करना और उन्हें सोशल मीडिया एवं ओटीटी प्लेटफार्मों के अनियंत्रित उपयोग से बचाना है। यह कदम बच्चों की सुरक्षा, निजता और भलाई को लेकर एक स्पष्ट ढांचा स्थापित करेगा।

82.2 प्रतिशत बच्चे कर रहे स्मार्टफोन का उपयोग
एक रिपोर्ट के अनुसार, 2024 में भारत में 88 करोड़ इंटरनेट यूजर थे, और किशोर औसतन डेढ़ घंटे रोजाना सोशल मीडिया पर बिता रहे थे। वार्षिक शिक्षा स्थिति रिपोर्ट 2024 में यह पाया गया कि 14-16 वर्ष आयु वर्ग के 82.2 प्रतिशत बच्चे स्मार्टफोन का उपयोग करने में सक्षम हैं, लेकिन इनमें से केवल 57 प्रतिशत इसका इस्तेमाल शिक्षा के लिए करते हैं। इसके विपरीत, 76 प्रतिशत बच्चे सोशल मीडिया के लिए स्मार्टफोन का इस्तेमाल करते हैं। यह आंकड़े यह स्पष्ट करते हैं कि बच्चों का ध्यान सीखने की तुलना में सोशल मीडिया की ओर अधिक है।

अवसाद से लेकर साइबर बुलिंग तक में फंसे बच्चे
रिपोर्ट में यह भी सामने आया कि 11 से 37 प्रतिशत किशोरों में सोशल मीडिया की लत के लक्षण पाए गए हैं, जो उनके मानसिक स्वास्थ्य और शैक्षणिक प्रदर्शन पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं। इसके अतिरिक्त, अध्ययन में पाया गया कि तीन से 60 प्रतिशत बच्चे किसी न किसी रूप में साइबर बुलिंग का शिकार हो रहे हैं। इस बढ़ती समस्या को देखते हुए, बाल-रोग विशेषज्ञ संगठनों ने बच्चों के लिए स्क्रीन उपयोग पर कड़ी गाइडलाइंस तय की हैं। इसके बावजूद, बच्चों और किशोरों में बढ़ती डिजिटल लत के मद्देनजर, देशभर के अस्पतालों में 'डिजिटल एडिक्शन क्लीनिक' खोली जाने लगी हैं।

तीन घंटे से ज्यादा समय इंटरनेट पर बिता रहे बच्चे
लोकलसर्कल्स के ,सर्वे के अनुसार, 49 प्रतिशत शहरी भारतीय माता-पिता का कहना है कि उनके 9-17 वर्ष आयु वर्ग के बच्चे हर दिन औसतन तीन घंटे या उससे अधिक समय इंटरनेट मीडिया पर बिताते हैं। सर्वे में 19,001 माता-पिता से यह सवाल पूछा गया था कि 9-17 वर्ष के बच्चे इंटरनेट पर कितना समय बिताते हैं?

बच्चे कितना समय गुजारते हैं इंटरनेट मीडिया पर
27%- तीन से छह घंटे
22%- छह घंटे
22%- एक से तीन घंटे
6%- लगभग एक घंटे
12%- शायद ही कुछ देर इंटरनेट पर रहते हों
11%- पता नहीं

बच्चों के लिए हो सख्त पाबंदी
लोकलसर्कल्स के सर्वे में 25 प्रतिशत शहरी अभिभावकों ने कहा कि बच्चों के इंटरनेट मीडिया इस्तेमाल के लिए आधार प्रमाणीकरण के माध्यम से अनिवार्य माता-पिता की सहमति लागू करनी चाहिए। इस सर्वे में 18,426 अभिभावकों ने अपनी प्रतिक्रिया दी।

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