एसवाईएल मामले में हरियाणा से समझौते का सवाल ही नहीं: अमरिंदर सिंह
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने आज स्पष्ट किया कि सतुलज यमुना लिंक (एसवाईएल) पर हरियाणा से किसी गुप्त समझौते का सवाल ही नहीं उठता।;
चंडीगढ़। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने आज स्पष्ट किया कि सतुलज यमुना लिंक (एसवाईएल) पर हरियाणा से किसी गुप्त समझौते का सवाल ही नहीं उठता।
मुख्यमंत्री ने आज यहां जारी बयान में इस संदर्भ में शिरोमणि अकाली दल (शिअद) सांसद प्रेम सिंह चंदूमाजरा के आरोपों को बेबुनियाद बताया।
कैप्टन सिंह ने कहा कि मामला उच्चतम न्यायालय में है और किसी तरह के समझौते का सवाल ही नहीं उठता। कैप्टन सिंह ने इसीके साथ श्री चंदूमाजरा को एसवाईएल जैसे संवेदनशील मुद्दे पर ऐसे बेबुनियाद बयान देने से बचने की चेतावनी दी और कहा कि उनकी सरकार किसी को भी प्रदेश की शांति भंग करने की इजाजत नहीं देगी।
मुख्यमंत्री ने विश्वास जताया कि उच्चतम न्यायालय और केंद्र सरकार एसवाईएल मुद्दे का मैत्रीपूर्ण हल निकालेगी तथा पानी की कमी से जूझ रहे पंजाब के हितों का ध्यान रखा जायेगा।
उन्होंने साफ किया कि पंजाब और प्रदेशवासियों के हित में हरियाणा के साथ किसी समझौते की जरूरत पड़ ही गई तो ऐसा सबके सामने किया जायेगा और कोई गुप्त वार्ता नहीं होगी।
प्रदेश के संसदीय कार्य मंत्री ब्रह्म महिंद्रा की ओर से प्रदेश के सभी दलों के सांसदों की बुलाई गई बैठक के शिअद सांसदों के बहिष्कार करने के बारे में कैप्टन अमरिंदर ने कहा कि यह उनका विशेषाधिकार है कि बैठक में जाएं या नहीं।
उन्होंने कहा कि मंत्री ने संसद सत्र शुरू होने से पहले प्रदेश का एजेंडा तय करने के लिए सभी पार्टियों के सांसदों की बैठक बुलाई थी और जो सांसद बैठक का बहिष्कार करेंगे वह पंजाब और प्रदेशवासियों के भले की कीमत पर ऐसा करेंगे।
कैप्टन अमरिंदर ने कहा कि सांसद राज्य के मुद्दों को संसद में उठाते हैं और प्रस्तावित बैठक उनका एजेंडा तय करने के लिए महत्वपूर्ण है।
उन्होंने कहा कि श्री मोहिंद्रा ने सभी राजनीतिक दलों के सांसदों को बुलाकर एक अच्छी पहल की थी जिससे सभी के सुझाव एवं जानकारी लिया जा सकता था और प्रदेश की समस्याओं तथा मुद्दों को आक्रामकता और सक्रियता के साथ संसद में रखा जाता।मुख्यमंत्री ने सभी से दलगत राजनीति से ऊपर उठकर मिलकर पंजाब के हितों के लिए कार्य करने का अनुरोध भी किया।