गुजरात चुनाव - कोर एजेंडे पर फोकस कर रही है भाजपा

गुजरात में पहले चरण के तहत एक दिसंबर को राज्य की कुल 182 विधान सभा सीटों में से 89 विधान सभा सीटों पर मतदान होना है;

Update: 2022-11-29 04:44 GMT

नई दिल्ली। गुजरात में पहले चरण के तहत एक दिसंबर को राज्य की कुल 182 विधान सभा सीटों में से 89 विधान सभा सीटों पर मतदान होना है। राज्य में जैसे-जैसे मतदान की तारीख नजदीक आती जा रही है वैसे-वैसे चुनाव प्रचार की गरमी भी बढ़ती जा रही है।

गुजरात विधान सभा चुनाव के लिए भाजपा ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा सहित भाजपा के तमाम दिग्गग नेता लगातार राज्य का दौरा कर धुआंधार चुनाव प्रचार, रोड शो और चुनावी सभाएं कर रहे हैं।

मतदान की तारीख के नजदीक आते जाने के साथ ही भाजपा ने आतंकवाद, तुष्टिकरण, लव जिहाद,जनसंख्या नियंत्रण कानून, समान नागरिक संहिता, अपराध, संगठित अपराध और 2002 का सबक जैसे मुद्दे उठाकर अपने कोर वोट बैंक तक राजनीतिक संदेश पहुंचाना शुरू कर दिया है।

भाजपा के तमाम छोटे-बड़े और दिग्गज नेता चुनावी रैलियों में विकास के एजेंडे और भाजपा की डबल इंजन सरकार के फायदे बताने के साथ-साथ भाजपा की पहचान से जुड़े इन कोर एजेंडे के मुद्दों को भी जोर-शोर से उठाकर अपने कोर मतदाताओं को एक संदेश देने का भी प्रयास कर रहे हैं।

तो क्या भाजपा की चुनावी रणनीति बदल रही है या भाजपा को अपनी चुनावी रणनीति बदलने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है ? इस सवाल का जवाब देते हुए भाजपा के एक दिग्गज नेता ने बताया कि रणनीति में बदलाव की बात कहना या करना अपने आप में बेमानी है क्योंकि भाजपा का एजेंडा दशकों से वही रहा है जिसकी बात उनके नेता कर रहे हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण और ट्वीट का जिक्र करते हुए कहा कि विकास, भाजपा और नरेंद्र मोदी का पर्याय बन चुका है और इसलिए गुजरात की जनता की एकमात्र पसंद भाजपा ही है। इसके साथ ही उन्होंने यह भी जोड़ा कि जिन कोर मुद्दों या एजेंडे का जिक्र यहां किया गया है वो हमेशा से भाजपा का एजेंडा रहा है और पूरा होने तक रहेगा भी।

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