GST कार्यक्रम आत्म-प्रचार का तमाशा : राहुल
राहुल गांधी ने वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को शुरू करने के लिए शुक्रवार आधी रात होने वाले कार्यक्रम को 'खुद के प्रचार का तमाशा' करार दिया है;
नई दिल्ली। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को शुरू करने के लिए शुक्रवार आधी रात होने वाले कार्यक्रम को 'खुद के प्रचार का तमाशा' करार दिया है और कहा कि देश भर में एक कर व्यवस्था को मूर्खतापूर्ण तरीके से लाया जा रहा है और इसका क्रियान्वयन एक 'अयोग्य तथा असंवेदनशील सरकार' कर रही है। राहुल ने ट्वीट किया, "एक सुधार, जिसमें काफी सारी संभावनाएं थीं, उसे मूर्खतापूर्ण तरीके से और तमाशे के साथ लाया जा रहा है।"
उन्होंने कहा, "भारत में जीएसटी की जरूरत है, लेकिन उससे देश के करोड़ों आम लोगों, छोटे व्यापारियों को परेशानी व दर्द नहीं होनी चाहिए।" राहुल ने कहा, "नोटबंदी से अलग, जीएसटी वह सुधार है, जिसे लाने का श्रेय कांग्रेस को है और वह शुरुआत से इसका समर्थन करती रही है।"
उन्होंने कहा, "लेकिन नोटबंदी की तरह ही, जीएसटी का क्रियान्वयन एक अयोग्य तथा असंवेदनशील सरकार द्वारा किया जा रहा है, वह भी बिना किसी योजनाबद्ध दूरदर्शिता और संस्थानिक तैयारी के।"
वहीं, कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की दुष्कर पांच स्तरीय कर संरचना (5 से 43 फीसदी) दुकानदारों, व्यापारियों तथा छोटे कारोबारियों की आजीविका को बुरी तरह प्रभावित करेगी।
उन्होंने ट्वीट किया, "भाजपा सरकार ने दुनिया में जीएसटी की अब तक की सर्वाधिक दर रखी है, जबकि पूर्ववर्ती संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार ने अधिकतम दर 18 फीसदी रखी थी।"
उन्होंने कहा, "भाजपा के जीएसटी से रोटी, कपड़ा और मकान प्रभावित होगा। बहुतायत द्वारा इस्तेमाल में लाई जाने वाली वस्तुओं पर जीएसटी से गरीब व मध्यम वर्ग बुरी तरह प्रभावित होंगे।"