अर्थव्यवस्था पर नजर नहीं आ रहा है जीएसटी का सकारात्मक असर : कांग्रेस

 कांग्रेस ने बिजली और पेट्रोलियम उत्पादों को वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) के दायरे में लाने की मांग करते हुए आज कहा कि मोदी सरकार जीएसटी लागू करने की पहली वर्षगांठ पर भले ही जश्न मना रही हो लेकिन सच्चाई;

Update: 2018-07-01 18:02 GMT

नयी दिल्ली।  कांग्रेस ने बिजली और पेट्रोलियम उत्पादों को वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) के दायरे में लाने की मांग करते हुए आज कहा कि मोदी सरकार जीएसटी लागू करने की पहली वर्षगांठ पर भले ही जश्न मना रही हो लेकिन सच्चाई यह है कि अर्थव्यवस्था पर इसका सकारात्मक असर नजर नहीं आ रहा है। 

LIVE: Press briefing by former FM @PChidambaram_IN, former Punjab FM Manpreet Badal & Prof. Gaurav Vallabh. https://t.co/7WFCDkAS6W

— Congress Live (@INCIndiaLive) July 1, 2018


 

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता तथा पूर्व वित्त मंत्री पी चिदम्बरम ने यहां पार्टी मुख्यालय में विशेष संवाददाता सम्मेलन में कहा कि उन्हें खुशी है कि उनकी पार्टी के नेतृत्व वाली सरकार ने 2006 में नयी कर व्यवस्था लागू करने के लिए जीएसटी की परिकल्पना की थी और वह आज अस्तित्व में है लेकिन दुर्भाग्य यह है कि उसके स्वरूप को बदला गया है जिसके कारण देश की अर्थव्यवस्था पर इसके प्रभावी नतीजे नजर नहीं आ रहे हैं।

Mr Jaitley says he does not understand why previous governments could not implement GST.
Answer is simple: because the BJP opposed GST tooth and nail and obstructed it for 5 years until May 2014.

— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) July 1, 2018


 

उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने जो जीएसटी लागू किया था , वह अत्यंत दोषपूर्ण है। इसमें इतनी खामियां है कि सामान्य नागरिकों, छोटे व्यापारियों, कारोबारियों तथा निर्यातकों के लिए जीएसटी अभिशाप बन गया है। सिर्फ कर प्रशासन मोदी सरकार के जीएसटी से खुश है क्योंकि उसे मनमानी करने का भरपूर मौका दिया गया है।

कांग्रेस नेता ने कहा कि उनकी पार्टी आरंभ से ही बिजली और पेट्रोल तथा डीजल आदि को जीएसटी के दायरे में लाने की मांग कर रही है। राज्यों में कांग्रेस सरकारों के वित्त मंत्री जीएसटी परिषद की बैठक में इन मुद्दों को उठाते भी हैं लेकिन उनकी बात पर ध्यान नहीं दिया जाता। उन्होंने कहा कि आम जनता पर पेट्रोलियम पदार्थों की आसमान छूती कीमतों का बोझ कम करने के लिए इसे जीएसटी के दायरे में लाया जाना चाहिए

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