जीएसटी लागू, कहीं खुशी कहीं गम, कहीं भ्रम

दिल्ली में जीएसटी लागू हो गया है और आज शनिवार को सभी बिल आदि में जीएसटी से कर वसूली शुरू हो गई;

Update: 2017-07-01 22:33 GMT

नई दिल्ली। दिल्ली में जीएसटी लागू हो गया है और आज शनिवार को सभी बिल आदि में जीएसटी से कर वसूली शुरू हो गई। दिल्ली सरकार ने भी अपनी वेबसाइट पर अधिसूचनाओं की जानकारी मुहैया करवाते हुए इसकी सभी औपचारिकताएं पूरी कर दी हैं। दिल्ली के वित्त सचिव एसएन सहाय की माने तो पंजीकरण का कार्य जहां जारी है वहीं पूरी व्यवस्था को जीएसटी के अनुसार ढाल लिया गया है। सभी अधिकारियों को ट्रेनिंग आदि दी गई और अब केंद्र व राज्य के जीएसटी कानून के तहत ही राजस्व वसूली होगी।

जीएसटी आयुक्त राजेश प्रसाद ने कहा कि यह अच्छा सिस्टम है और जो जानकारी का अभाव है उस पर हमारे सहयोगी पूरी सहायता कर रहे हैं।

उन्होंने बताया कि पूरी व्यवस्था को लागू करने के लिए अधिकारियों ने दिन रात मेहनत की है और इसे पूरी तरह से लागू कर दिया गया है। वहीं आज ऐप बेस्ड टैक्सी पर टैक्स कम होने से बिल कम बना तो लोगों ने व टैक्सी ड्राइवरों ने खुशी जाहिर की।

नई दिल्ली के एक निजी अस्पताल में आंखों के इलाज में बिल पर जीएसटी वसूलने को लेकर घंटों इंतजार करने का मामला भी प्रकाश में आया। बातचीत में पता चला कि अस्पताल प्रबंधन को जीएसटी की सही दर पर कुछ भ्रम था इसलिए कुछ देर से बिल बनाया जा सका। जबकि कनाट प्लेस के एक सिनेमा हॉल में दर्शकों ने बताया कि सिनेमा हॉल की टिकट पर फिलहाल कोई राहत नहीं मिली है लेकिन नमकीन की दुकान पर बातचीत में पता चला कि आधा प्रतिशत की हल्की राहत जरूर दी गई है।

विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष दिल्ली विधान सभाए विजेन्द्र गुप्ता ने देश में प्रथम आर्थिक एवं कर क्रांति के प्रतीक जीएसटी लागू करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तथा वित्त मंत्री अरूण जेतली को बधाई देते हुए कहा है कि यह भाजपा के शीर्ष नेतृत्व के दृढ़ निश्चय की पहचान है। जीएसटी लागू करने के पीछे प्रधानमंत्री का मुख्य उद्देश्य व्यापार, प्रशासन एवं कर प्रणाली से भ्रष्टाचार को जड़ से खत्म करना और व्यापार का भाग बन चुके कच्चे पक्के बिल के खेल को खत्म करना है।

उन्होंने कहा कि जीएसटी के सुखद परिणामों को जनसाधारण जल्दी ही अनुभव करेंगे। इससे रोजमर्रा विशेषकर गरीबों के इस्तेमाल की वस्तुएं सस्ती होंगी। विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि जीएसटी लागू करने के बिल की लोकसभा, राज्यसभा और राज्यों में सर्व सम्मति से पारित होना भारतीय लोकतंत्र की जीत और सरकार की विकास नीतियों पर भी सहमति दिखाता है।

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