पेट्रोल डीजल दाम बढ़ाने का सरकार का हैरान करने वाला फैसला : सोनिया

कांग्रेस नेता ने तेल के दामों में बढ़ोतरी को बेतुका तथा औचित्यहीन बताया और कहा कि सरकार के इस तरह के फैसलों से देश की जनता को बेवजह भारी आर्थिक बोझ झेलना पड़ रहा है।;

Update: 2020-06-16 12:26 GMT

नयी दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम में रिकार्ड गिरावट तथा कोविड-19 महामारी के कहर के बीच पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़ाने का सरकार का फैसला हैरान करने वाला है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जनहित में इस निर्णय को तुरंत वापस लेना चाहिए।

श्रीमती गांधी ने मंगलवार को श्री मोदी काे पत्र लिखकर कहा कि उनकी समझ में यह बात नहीं आ रही है कि जब विश्व बाजार में कच्चे तेल के दाम में रिकार्ड कमी आयी है और पिछले एक सप्ताह के दौरान तेल की दरों में करीब नौ प्रतिशत की गिरावट आयी है। सरकार को इस तेल से बहुत कमाई हो रही है लेकिन वह इस फायदे को जनता में बांटने की बजाय कोरोना की लड़ाई लड़ रहे लोगों पर अपने फैसले से बेवजह बोझ डाल रही है।

उन्होंने सरकार के इस फैसले को असंवेदनशील करार दिया और आरोप लगाया कि सरकार ने जनता के हितों को ताक में रखकर अपने फायदे के लिए तेल पर एक्साईज़ शुल्क बढ़ाया और ऊपर से पेट्रोल तथा डीज़ल के मूल्य बढ़ाकर लगभग 2,60,000 करोड़ रुपए का अतिरिक्त राजस्व अर्जित करने का प्रयास कर रही है। उनका कहना था कि सरकार यह कदम ऐसे समय उठा रही है जब देश की जनता अकल्पनीय मुश्किलों का सामना कर रही है जिसके कारण लोग डरे हुए हैं और उनमें असुरक्षा का भाव पनप रहा है।

कांग्रेस नेता ने तेल के दामों में बढ़ोतरी को बेतुका तथा औचित्यहीन बताया और कहा कि सरकार के इस तरह के फैसलों से देश की जनता को बेवजह भारी आर्थिक बोझ झेलना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि संकट के इस दौर में लोगों की पीड़ा को कम करने का प्रयास करना सरकार की जिम्मेदारी है लेकिन वह अपने इस कर्तव्य का पालन करने की बजाय जनता को ज्यादा मुश्किल में डाल रही है।

श्रीमती गांधी ने वर्तमान परिवेश में तेल के दाम बढाने को अवंसेदनशील निर्णय बताया और कहा, “यह समझ से परे है कि केंद्र सरकार ने मूल्यों में बढ़ोतरी करने का यह निर्णय उस समय क्यों लिया, जब कोविड-19 की आर्थिक मार ने लाखों लोगों की नौकरी तथा आजीविका छीन लीख, बड़े एवं छोटे व्यवसायों को तबाह कर दिया, मध्यम वर्ग की आय रोक दी तथा किसान तक खरीफ की फसल बोने के लिए कड़ी चुनौतियों का सामना कर रहे हैं।”

उन्होंने कहा कि आश्चर्य की बात यह है कि पिछले छह साल के दौरान मोदी सरकार ने विश्व बाजार में कच्चे तेल के दाम में ऐतिहासिक कमी के बावजूद 12 बार पेट्रोल एवं डीज़ल पर एक्साईज़ शुल्क बढ़ाया। सरकार ने पेट्रोल पर एक्साईज़ शुल्क में 23.78 रुपए प्रति लीटर एवं डीज़ल पर 28.37 रुपए प्रति लीटर की अतिरिक्त बढ़ोतरी की है और छह साल के दौरान पेट्रोल एवं डीज़ल पर एक्साईज़ शुल्क से लगभग 18,00,000 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया है और इस लाभ काे देश की जनता के लिए उपयोग में लाया जाना चाहिए।

कांग्रेस अध्यक्ष ने तेल के बढे दाम वापस लेने तथा तेल पर की गयी कमाई जनता में बांटने की मांग करते हुए श्री मोदी से आग्रह किया “मैं आपसे आग्रह करती हूं कि पेट्रोल तथा डीज़ल के मूल्यों में की गई इस बढ़ोतरी को वापस लें और तेल के कम दामों का लाभ देश के नागरिकों को पहुंचाएं। यदि आप चाहते हैं कि देश के नागरिक आत्मनिर्भर बनें, तो फिर उनके पैरों में वित्तीय बेड़ियां डालकर उन्हें आगे बढ़ने से नहीं रोकें। मैं सरकार के संसाधनों का उपयोग सीधे उनके हाथ में पैसा पहुंचाने के लिए करती हूं जिन्हें इस मुश्किल घड़ी में उसकी सबसे ज्यादा जरूरत है।”
 

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