जातिगत जनगणना सार्वजनिक कर आरक्षण व्यवस्था लागू करे सरकार: कांग्रेस
कांग्रेस ने अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) विरोधी होने के आरोपों को खारिज करते हुुए आज कहा कि सरकार को जातिगत जनगणना सार्वजनिक करनी चाहिए और इसके अनुसार आरक्षण व्यवस्था लागू करनी चाहिए;
नयी दिल्ली। कांग्रेस ने अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) विरोधी होने के आरोपों को खारिज करते हुुए आज कहा कि सरकार को जातिगत जनगणना सार्वजनिक करनी चाहिए और इसके अनुसार आरक्षण व्यवस्था लागू करनी चाहिए।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पार्टी में ओबीसी प्रकोष्ठ के अध्यक्ष ताम्रध्वज साहू ने यहां पार्टी की नियमित ब्रीफिंग में कहा कि राष्ट्रीय अन्य पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा देने के विधेयक का पूरा समर्थन करती है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने कभी भी ओबीसी का विरोध नहीं किया है और हमेशा इस समुदाय के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध रही है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस के शासन में ही पहली बार काका कालेलकर समिति का गठन किया जिसने ओबीसी के लिए व्यापक सिफारिशें की। इसी के अनुसार मंडल आयोग गठित किया था। कांग्रेस ने जातिगत जनगणना शुरू कराई। यह गणना पूरी हो चुकी है।
कांग्रेस नेता ने कहा कि सरकार को जातिगत जनगणना सार्वजनिक करनी चाहिए और जातियों की संख्या के अनुसार आरक्षण देना चाहिए।
ओबीसी आयोग को संवैधानिक दर्जा देने संबंधी विधेयक को लोकसभा में वर्ष 2017 में सर्वसम्मति से पारित किया गया था जबकि राज्यसभा में इसमें संशोधन किये गये थे। इस कारण इसे संसद में पारित नहीं कराया जा सका था। इस पर भारतीय जनता पार्टी और उनके सहयोगी दलों के नेता कांग्रेस पर ओबीसी के विरोधी होने का आरोप लगाते रहे हैं। फिर से लोकसभा में लाए गए इस विधेयक का आज कांग्रेस ने समर्थन किया है।
साहू ने कहा कि सरकार को ओबीसी के लिए आरक्षित पदों को तुरंत भरना चाहिए। सरकारी स्तर पर लगभग डेढ़ लाख पद रिक्त हैं जो ओबीसी के लिए आरक्षित हैं। उन्होंने कहा कि सरकारी पदों को भरने के लिए एक या दो पद के लिए आवेदन मांगे जाते हैं जिससे ओबीसी समुदाय को आरक्षण का लाभ नहीं मिल पाता है।