त्रिपुरा में स्थानीय निकायों के 2000 नेताओं के इस्तीफा के लिए सरकार जिम्मेदार : माकपा

 त्रिपुरा के उपमुख्यमंत्री जिष्णु देव वर्मा ने बुधवार को कहा कि जिला परिषद, पंचायत समिति और ग्राम पंचायत की 2,133 सीटें खाली पड़ी हैं;

Update: 2018-06-20 21:53 GMT

अगरतला। त्रिपुरा के उपमुख्यमंत्री जिष्णु देव वर्मा ने बुधवार को कहा कि जिला परिषद, पंचायत समिति और ग्राम पंचायत की 2,133 सीटें खाली पड़ी हैं। वहीं मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी(माकपा) ने इस्तीफों के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और आईपीएफटी कार्यकर्ताओं की धमकियों को जिम्मेदार ठहराया है। माकपा विधायक सुधन दास ने विधानसभा में कहा कि फरवरी माह में विधानसभा चुनाव में भाजपा-आईपीएफटी गठबंधन के बहुमत हासिल करने के बाद सत्तारूढ़ दलों द्वारा वाम नेताओं और सदस्यों पर हजारों हमले किए गए, जिसके परिणामस्वरूप इस्तीफे दिए गए।

जवाब में वर्मा ने कहा, "जिला परिषद, पंचायत समिति और ग्राम पंचायत की करीब 2,133 सीटें खाली पड़ी हैं।"

सदन में वर्मा ने मुद्दे पर तीखी बहस और शोरगुल के बीच कहा, "मुझे कोई विशिष्ट शिकायत नहीं मिली है कि इन तीनों स्थानीय निकायों के किसी निर्वाचित प्रतिनिधि ने किसी धमकी के बाद इस्तीफा दिया है।"

दास ने कहा, "मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब और अन्य मंत्री निर्वाचित प्रतिनिधियों को कुछ विशेष खतरों और धमकी के बारे में जानते हैं।"

उन्होंने कहा, "निर्वाचित अध्यक्ष और नगर परिषद के कुछ सदस्यों ने भाजपा और आईपीएफटी कार्यकर्ताओं द्वारा धमकाने के बाद इस्तीफा दिया है।"

उन्होंने कहा कि भारत के किसी राज्य में स्थानीय निकायों के चुने प्रतिनिधियों को सरकार बदलने के बाद इस्तीफा देने के लिए मजबूर नहीं किया गया।

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