कोरोना की दूसरी लहर में ऑक्सीजन की कमी के लिए केंद्र सरकार जिम्मेदार: प्रियंका गांधी
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने कोरोना की दूसरी लहर में ऑक्सीजन की कमी के लिए केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा है कि उसने संसदीय समिति के सुझावों को नज़रअंदाज़ किया;
नयी दिल्ली। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने कोरोना की दूसरी लहर में ऑक्सीजन की कमी के लिए केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा है कि उसने संसदीय समिति के सुझावों को नज़रअंदाज़ किया और संकट के दौर में ऑक्सीजन का निर्यात तथा इसके दाम बढ़ाने का फैसला कर जनता के साथ अन्याय किया है।
ऑक्सीजन संकट?
👉ऑक्सीजन की आकस्मिक आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए क्यों कोई कदम नहीं उठाये गए? एम्पावर्ड ग्रुप-6 की सलाह को पूरी तरह से नजरअंदाज क्यों किया गया? कोरोना की दूसरी लहर का अंदाजा होने के बावजूद ऑक्सीजन ट्रांसपोर्ट के लिए इस्तेमाल होने वाले क्रायोजेनिक टैंकरों… 1/3 pic.twitter.com/PuqVmiQiU9
प्रियंका गांधी ने ‘जिम्मेफर कौन’ अभियान के तहत शनिवार को यहां जारी बयान में कहा कि महामारी के दौर में सरकार ने ऑक्सीजन का निर्यात 700 फीसदी तक बढ़ाया है जिससे कोरोना की दूसरी लहर में देश के को ऑक्सीजन की भारी कमी का सामना करना पड़ा और बड़ी संख्या में लोगो को अपने परिजनों से बिछड़ना पड़ा।
की संख्या बढ़ाने के लिए क्यों कोई प्रयास नहीं किया गया?
👉 कोरोना महामारी ने जिस साल में पूरे विश्व में तबाही मचाई आखिर क्यों उसी साल 2020 में मोदी सरकार ने ऑक्सीजन का निर्यात बढ़ाकर 700% कर दिया?
👉स्वास्थ्य मामलों की संसद की स्थाई समिति की सलाहों को नजरअंदाज कर क्यों… 2/3
उन्होंने कहा कि सरकार की लापरवाही के कारण देश की जनता को तबाही झेलनी पड़ी है। उन्होंने सवाल किया कि सरकार ने औद्योगिक ऑक्सीजन को मेडिकल ऑक्सीजन की तरह उपयोग में लाने की व्यवस्था नहीं की। उनका यह भी कहना था कि संसदीय समिति के सुझावों को सरकार ने नजरअंदाज कर ऑक्सीजन सिलेंडर और रिफिलिंग के दाम बढ़ाने का फैसला क्यों लिया।
ऑक्सीजन सिलेंडर एवं सिलेंडर रिफिलिंग के दाम पर नियंत्रण नहीं किया गया?
ज़िम्मेदार कौन? 3/3
कांग्रेस महासचिव ने कहा कि सरकार के गलत निर्णय के कारण देश भर के तमाम अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी से लोगो ने तड़प- तड़प कर जान दी। पहली एवं दूसरी लहर के बीच मिले समय में योजनाबद्ध ढंग से तैयारी की जाती तो आसानी से ऑक्सीजन के इस महा संकट को टाला जा सकता था।