जामिया में सभी वैक्सीनेशन करवाएं, औरों को भी करें जागरूक : कुलपति

कोरोना से बचाव के लिए जामिया विश्वविद्यालय प्रशासन ने अपने सभी कर्मचारियों एवं शिक्षकों से अपील की है कि वे बिना समय गवाएं अपना वैक्सीनेशन करवाएं;

Update: 2021-05-30 02:31 GMT

नई दिल्ली। कोरोना से बचाव के लिए जामिया विश्वविद्यालय प्रशासन ने अपने सभी कर्मचारियों एवं शिक्षकों से अपील की है कि वे बिना समय गवाएं अपना वैक्सीनेशन करवाएं। इस बारे में स्वयं जामिया विश्वविद्यालय की कुलपति नजमा अख्तर ने सभी शिक्षकों, विभाग अध्यक्षों एवं डींस के लिए एक विशेष पत्र जारी किया है। इस पत्र के माध्यम से कुलपति ने सभी से कोरोना वैक्सीन लगवाने की अपील की है। जामिया की कुलपति ने कहा कि सभी शिक्षक अपने पूरे परिवार के साथ अपना और अपने परिवारजनों का वैक्सीनेशन करवाएं। कोरोना से लड़ाई में यह एक अहम कदम है। इससे हमें कोरोना से लड़ने में मदद मिलेगी।

कुलपति ने वैक्सीनेशन अभियान को सफल बनाने के लिए प्रोफेसर और विभागाध्यक्षों से मदद मांगी है। उन्होंने कहा कि जामिया विश्वविद्यालय के लोग कोरोना वैक्सीनेशन के प्रति अन्य लोगों को भी जागरूक करें। प्रयास करें कि अधिक से अधिक लोग अपना वैक्सीनेशन करवाएं।

इससे पहले जामिया मिलिया की कुलपति नजमा अख्तर एक आदेश जारी करके 30 मई तक जामिया विश्वविद्यालय बंद रखने का निर्णय ले चुकी हैं। विश्वविद्यालय प्रशासन के मुताबिक छात्रों एवं शिक्षकों को कोरोना वायरस से बचाने के लिए यह निर्णय लिया गया है। मई के पूरे महीने जामिया विश्वविद्यालय परिसर शैक्षणिक गतिविधियों के लिए पूरी तरह बंद रहा।

हालांकि विश्वविद्यालय प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि पहले की भांति ऑनलाइन कक्षाएं और ओपन बुक एग्जाम लिए जाएंगे। यह निर्णय छात्रों का अकादमिक वर्ष बचाने के लिए लिया गया है।

जामिया मिलिया इस्लामिया ने अपने सभी स्कूल भी बंद करने का फैसला किया। इनमें आवासीय स्कूल भी शामिल है। सभी कक्षाएं एवं स्कूल 30 मई तक बंद हैं। स्कूलों में छात्रों का रिजल्ट तैयार करने के अलावा अन्य कोई भी शैक्षणिक अथवा गैर शैक्षणिक गतिविधि आयोजित नहीं की जा रही।

कोरोना के कारण हाल ही में जामिया के कई वरिष्ठ विद्वान प्रोफेसर्स की मौत हो गई। जामिया के प्रोफेसर्स अपने साथियों की मौत से दुखी हैं लेकिन उन्होने डरने की बजाय इससे लड़ने का उपाय ढूढ़ा है। जामिया के प्रोफेसर्स फंड जुटाकर विश्वविद्यालय परिसर में ही 50 बेड का अत्याधुनिक अस्पताल बनाने में जुट गए हैं। इसके लिए 50,000 रुपये का सबसे पहला योगदान जामिया के एक शिक्षक ने दिया है।

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