महाप्रबंधकों को शीर्ष स्तर पर अपग्रेड किया जाएगा : रेलवे चेयरमैन

रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष वी. के. यादव ने शुक्रवार को कहा कि मौजूदा आठ ग्रुप-ए की सेवाओं का भारतीय रेलवे प्रबंधन सेवा (आईआरएमएस) नामक एक केंद्रीय सेवा में एकीकरण किया जाएगा;

Update: 2019-12-28 00:06 GMT

नई दिल्ली। रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष वी. के. यादव ने शुक्रवार को कहा कि मौजूदा आठ ग्रुप-ए की सेवाओं का भारतीय रेलवे प्रबंधन सेवा (आईआरएमएस) नामक एक केंद्रीय सेवा में एकीकरण किया जाएगा। उन्होंने कहा कि रेलवे के संगठनात्मक पुनर्गठन के साथ कोई भी अधिकारी अपने करियर को आगे बढ़ाने जैसी समस्या का सामना नहीं करेगा और साथ ही रेलवे में महाप्रबंधकों को शीर्ष स्तर पर अपग्रेड किया जाएगा, ताकि वे तुरंत अपने क्षेत्र में कोई भी निर्णय ले सकें।

उन्होंने इस दावे का खंडन भी किया, जिसमें कहा जा रहा था कि रेलवे यात्री किराए में वृद्धि करने जा रहा है। यादव ने कहा कि रेलवे इस पर कोई विचार नहीं कर रहा है। उन्होंने कहा कि वह केवल मालभाड़े के युक्तिकरण का अध्ययन कर रहे हैं।

यादव ने यहां रेल भवन स्थित अपने कार्यालय में आईएएनएस को दिए एक साक्षात्कार में कहा, "सरकार ने रेलवे के पुनर्गठन का फैसला किया है। वर्तमान में आठ बोर्ड सदस्य हैं और हम इसे चार कार्यों में पुनर्गठित करने जा रहे हैं। ये बुनियादी ढांचे, रोलिंग स्टॉक, संचालन, व्यवसाय विकास और वित्त से संबंधित हैं।"

उन्होंने कहा कि अब चार बोर्ड सदस्य होंगे और इनके साथ ही एक गैर-कार्यकारी स्वतंत्र सदस्य होगा, जिसके पास 30 से अधिक वर्षों का अनुभव होगा और वे रेलवे बोर्ड को अपने इनपुट और सुझाव दे सकेंगे।

वह आईआरएमएस नामक एक केंद्रीय सेवा में मौजूदा आठ ग्रुप-ए सेवाओं के एकीकरण के माध्यम से रेलवे के संगठनात्मक पुनर्गठन पर सरकार की मंजूरी दिए जाने संबंधी एक सवाल का जवाब दे रहे थे।

संगठन के पुनर्गठन के मकसद के बारे में उन्होंने कहा, "यह इस तरह से पुनर्गठन किया गया है कि रेलवे और बोर्ड की चुनौतियों जैसे यात्री सुविधाओं के मुद्दे और माल लदान में वृद्धि पर ध्यान दिया जा सके।"

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मंगलवार को रेलवे के संगठनात्मक पुनर्गठन को मंजूरी दी थी।

यादव ने जोर देकर कहा कि रेलवे सेवाओं में नई भर्तियां अब यूपीएससी के माध्यम से की जाएंगी।

यादव ने कहा, "मैंने यूपीएससी अध्यक्ष से भी मुलाकात कर रेलवे के तौर-तरीकों पर चर्चा की।"

महाप्रबंधकों की चिंताओं को उठाते हुए यादव ने जोर दिया कि सरकार ने महाप्रबंधकों के पद को शीर्ष स्तर पर अपग्रेड करने का निर्णय लिया है।

यादव ने कहा, "इस कदम के पीछे मकसद यह है कि महाप्रबंधकों को उनके संबंधित क्षेत्र में कोई भी निर्णय लेने का अधिकार होगा।"

इसके साथ ही यादव ने आश्वस्त किया कि कोई भी अधिकारी करियर में वृद्धि को लेकर सामने आने वाली समस्याओं का सामना नहीं करेगा।

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