साल में एक बार खुलते हैं उज्जैन में नागचंद्रेश्वर मंदिर के पट
मध्य प्रदेश की धार्मिक नगरी उज्जैन में महाकाल मंदिर के शीर्ष पर स्थित भगवान नागचंद्रेश्वर का ऐसा मंदिर है जिसके पट साल में एक दिन के लिए नाग पंचमी के दिन खुलते हैं;
उज्जैन। मध्य प्रदेश की धार्मिक नगरी उज्जैन में महाकाल मंदिर के शीर्ष पर स्थित भगवान नागचंद्रेश्वर का ऐसा मंदिर है जिसके पट साल में एक दिन के लिए नाग पंचमी के दिन खुलते हैं। यह परंपरा वर्षों से चली आ रही है। उज्जैन में स्थित देश का इकलौता ऐसा नागचंद्रेश्वर का मंदिर है जो साल में सिर्फ नाग पंचमी के लिए आम श्रद्धालुओं के लिए खोला जाता है। इस मंदिर के पट सोमवार की रात को 12 बजे खोले जाएंगे और नागचंद्रेश्वर की त्रिकाल पूजा होगी। यह पूजन पंचायती महानिर्वाणी अखाड़े के महंत विनीत गिरी द्वारा किया जाएगा, वही शासकीय पूजन दूसरे दिन मंगलवार को दोपहर 12 बजे प्रशासन की ओर से होगा, साथ ही मंदिर प्रबंधन समिति द्वारा मंगलवार को महाकालेश्वर भगवान की सायं आरती के पश्चात मंदिर के पुजारी और पुरोहितों द्वारा पूजा आरती की जाएगी।
देश में नागों के अनेक मंदिर स्थित है मगर उज्जैन का नागचंद्रेश्वर मंदिर जो महाकालेश्वर मंदिर के शिखर पर स्थित है, अन्य मंदिरों से अलग है। इस मंदिर में 11वीं शताब्दी की एक अद्भुत प्रतिभा है, इस प्रतिमा में फन फैलाए नाग के आसन पर शिव, पार्वती और उनका पूरा परिवार विराजमान है। कहा तो यह जाता है कि पूरी दुनिया में यह एकमात्र ऐसा मंदिर है जिसमें भगवान विष्णु की जगह भगवान भोलेनाथ सर्प सैया पर विराजमान है ,मंदिर में स्थापित प्रतिमा में शिव जी, पार्वती जी, गणेश जी के साथ सप्तमुखी सर्प सैया पर विराजमान है, साथ में दोनों के वाहन नंदी और सिंह भी विराजमान है। यह प्रतिमा नेपाल से लाई गई थी।
बताया गया है कि सोमवार की रात को 12 बजे मंदिर के पट खुलेंगे और यह पट मंगलवार की अर्धरात्रि को 12 बजे पूजा अर्चना के साथ बंद कर दिए जाएंगे।