गांधी का प्रत्येक आंख से आंसू पोंछने का मिशन अभी भी अधूरा: राष्ट्रपति
नई दिल्ली ! राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने आज देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती देने का आह्वान करते हुए चुनाव सुधारों पर बल दिया और कहा कि गरीबी से लड़ाई अभी समाप्त नहीं हुई है;
गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर बोले राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी
नई दिल्ली ! राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने आज देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती देने का आह्वान करते हुए चुनाव सुधारों पर बल दिया और कहा कि गरीबी से लड़ाई अभी समाप्त नहीं हुई है। भारतीय अर्थव्यवस्था को गरीबी पर तेज प्रहार करने के लिए दीर्घकाल में 10 प्रतिशत से अधिक वृद्धि करनी होगी। देश का पांचवां हिस्सा अभी तक गरीबी रेखा से नीचे बना हुआ है। गांधीजी का प्रत्येक आंख से हर एक आंसू पोंछने का मिशन अभी भी अधूरा है। उन्होंने लोकसभा व विधानसभा चुनाव एक साथ कराने पर जोर दिया। भारतीय लोकतंत्र की परिपक्वता के लिए संसद में विचार विमर्श किया जाना चाहिए। मुखर्जी ने यहां 68 वें गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्र के नाम संबोधन में कहा कि पिछले कुछ सत्रों संसद में गतिरोध पर राष्ट्रपति ने कहा कि कानून निर्माताओं को व्यवधानों के कारण सत्र का नुकसान होता है जबकि उन्हें महत्वपूर्ण मुद्दों पर बहस करनी चाहिए और विधान बनाने चाहिए। बहस, परिचर्चा और निर्णय पर ध्यान देने के सामूहिक प्रयास किए जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि हमें यह स्वीकार करना चाहिए कि हमारी प्रणालियां श्रेष्ठ नहीं हैं। त्रुटियों की पहचान की जानी चाहिए और उनमें सुधार लाना चाहिए। यथास्थिति पर सवाल उठाने होंगे और आपसी विश्वास मजबूत करना होगा। चुनावी सुधारों पर रचनात्मक परिचर्चा करने और शुरुआती दशकों की परंपरा की ओर लौटने का समय आ गया है जब लोकसभा और राज्य विधान सभाओं के चुनाव एक साथ आयोजित किए जाते थे। राजनीतिक दलों के विचार-विमर्श से इस कार्य को आगे बढ़ाना चुनाव आयोग का दायित्व है।
भारतीय लोकतंत्र कोलाहलपूर्ण
उन्होंने कहा कि हालांकि भारतीय लोकतंत्र कोलाहलपूर्ण है लेकिन हमारे लोकतंत्र की मजबूती इस सच्चाई से देखी जा सकती है कि वर्ष 2014 के आम चुनाव में कुल 83 करोड़ 40 लाख मतदाताओं में से 66 प्रतिशत से अधिक ने मतदान किया। हमारे लोकतंत्र का विशाल आकार हमारे पंचायती राज संस्थाओं में आयोजित किए जा रहे नियमित चुनावों से झलकता है। मुखर्जी ने कहा कि प्रतिस्प्रर्धी विश्व में जनता के साथ किए गए वादे पूरा करने के लिए अधिक परिश्रम करना होगा।
2 अक्टूबर, 2019 तक भारत को स्वच्छ बनाना है
मुखर्जी ने सरकार की प्रमुख पहलों का जिक्र करते हुए कहा कि स्वच्छ भारत मिशन का लक्ष्य गांधीजी की 150वीं जयंती के साथ 2 अक्टूबर, 2019 तक भारत को स्वच्छ बनाना है। ग्रामीण अर्थव्यवस्था की बहाली के लिए मनरेगा जैसे कार्यक्रमों पर बढ़े व्यय से रोजगार में वृद्धि हो रही है। एक सौ दस करोड़ से अधिक लोगों तक अपनी वर्तमान पहुंच के साथ आधार लाभों के सीधे अंतरण आर्थिक नुकसान रोकने और पारदर्शिता बढ़ाने में मदद कर रहा है।
डिजिटल भारत कार्यक्रम डिजिटल ढांचे के सर्वव्यापक प्रावधान और नकदीरहित आर्थिक लेन-देन साधनों से एक ज्ञानपूर्ण अर्थव्यवस्था का निर्माण कर रहा है। कौशल भारत पहल के अंतर्गत, राष्ट्रीय कौशल विकास मिशन 2022 तक 30 करोड़ युवाओं को कौशलयुक्त बनाने के लिए कार्य कर रहा है। मुखर्जी ने कहा कि बदलते दौर में प्रगतिशील और वृद्धिगत विकास में विज्ञान और प्रौद्योगिकी की उन्नति से पैदा हुए तीव्र व्यवधानों को समायोजित करना होगा। नवाचार, और उससे भी अधिक समावेशी नवाचार को जीवनशैली बनाना होगा।
उन्होंने कहा कि शिक्षा को प्रौद्योगिकी के साथ आगे बढऩा होगा। मुखर्जी ने कहा कि मनुष्य और मशीन की दौड़ में, जीतने वाले को रोजगार पैदा करना होगा। प्रौद्योगिकी अपनाने की रफ्तार के लिए एक ऐसे कार्यबल की आवश्यकता होगी, जो सीखने और स्वयं को ढालने का इच्छुक हो। हमारी शिक्षा प्रणाली को, हमारे युवाओं को जीवनर्पयत सीखने के लिए नवाचार से जोडऩा होगा।