बिकरू पहुंचे पूर्व न्यायमूर्ति शशिकांत अग्रवाल, गांव वालों से जान रहे हकीकत

उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा कानपुर कांड की न्यायिक जांच के लिए गठित जांच आयोग के सदस्य सेवानिवृत्त न्यायूमर्ति शशिकांत अग्रवाल ने सोमवार की दोपहर बिकरू गांव पहुंच गए,;

Update: 2020-07-13 15:55 GMT

कानपुर | उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा कानपुर कांड की न्यायिक जांच के लिए गठित जांच आयोग के सदस्य सेवानिवृत्त न्यायूमर्ति शशिकांत अग्रवाल ने सोमवार की दोपहर बिकरू गांव पहुंच गए, यहां पर वह घटनास्थल का मुआयना करने के बाद ग्रामीणों से बातचीत कर हकीकत जान रहे हैं।

जस्टिस शशिकांत ने बिकरु गांव में विकास दुबे के घर के मलबे को देखा। इसके बाद उन जगहों पर गए, जहां मुठभेड़ के दौरान पुलिसकर्मियों की हत्या की गई थी। अधिकारियों ने वे घर भी दिखाए जहां से दो जुलाई की रात फायरिंग हुई थी। इसके बाद गांव वालों से बातचीत की और घटना वाली रात और विकास दुबे के अपराध की जानकारी ली।

जस्टिस के हाथ में एक ब्लैक कलर की डायरी थी, जिसमें शूटआउट से जुड़ी कुछ जानकारियां वे पढ़ रहे थे। जिनका जवाब डीएम और एसपी की तरफ से दिया जा रहा है।

माना जा रहा है कि इसके बाद वह विकास दुबे के एनकाउंटर वाले स्थल पर भी जा सकते हैं।

बिकरू कांड के बाद मोस्टवांटेड विकास दुबे एनकाउंटर को लेकर विपक्षी दलों द्वारा सवाल उठाने और उसकी मौत से कई रहस्यों के दबाए जाने के आरोप लग रहे हैं। इन सबके बीच राज्य सरकार द्वारा जारी अधिसूचना के माध्यम से जांच आयोग अधिनियम 1952 की धारा 3 के तहत सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति शशिकांत अग्रवाल के नेतृत्व में एक सदस्यीय जांच आयोग गठित करने का निर्णय लिया गया, इसका मुख्यालय कानपुर में होगा। सभी तथ्यों की जांच करने के साथ ही आयोग भविष्य में ऐसे मामलों की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए अपने सुझाव भी देगा। दो माह की अवधि में जांच पूरी कर रिपोर्ट सौंपी जाएगी।

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