सिख-विराेधी दंगे मामले में पूर्व न्यायाधीशों की समिति गठित

उच्चतम न्यायालय ने 1984 के सिख-विरोधी दंगाें से जुड़े 199 मामलों को बंद कर देने के फैसले की जांच के लिए दो पूर्व न्यायाधीशों की समिति गठित की है;

Update: 2017-08-16 16:16 GMT

नयी दिल्ली।  उच्चतम न्यायालय ने 1984 के सिख-विरोधी दंगाें से जुड़े 199 मामलों को बंद कर देने के फैसले की जांच के लिए दो पूर्व न्यायाधीशों की समिति गठित की है, न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा की पीठ ने आज कहा कि यह समिति दंगाें से जुड़े उन 42 मामलों की भी जांच करेगी, जिसे बंद करने का विशेष जांच दल (एसआईटी) ने फैसला लिया है। पीठ ने स्पष्ट किया कि समिति यह तय करेगी कि जिन मामलों में एसआईटी ने क्लोजर रिपोर्ट दायर कर दी है कि वे उचित हैं या नहीं।

न्यायालय ने समिति को सभी मामलों की समीक्षा करके तीन माह के भीतर रिपोर्ट पेश करने का भी आदेश दिया। अब इस मामले की सुनवाई 28 नवम्बर को होगी। न्यायालय ने गत 24 मार्च को केंद्र सरकार को उन 199 मामलों की फाइलें पेश करने का केंद्र सरकार को आदेश दिया था, जिन्हें गृह मंत्रालय द्वारा गठित एसआईटी ने बंद करने का फैसला लिया था।

एसआईटी का नेतृत्व 1986 बैच के भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी प्रमोद अस्थाना कर रहे हैं, जबकि सेवानिवृत्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश राकेश कपूर और दिल्ली पुलिस के अधिकारी कुमार ज्ञानेश इसके सदस्य हैं। 
 

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