पूर्व जर्मन चांसलर मर्केल को मिलेगा संयुक्त राष्ट्र नानसेन शरणार्थी पुरस्कार
संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी उच्चायुक्त (यूएनएचसीआर) ने घोषणा की है कि पूर्व जर्मन चांसलर एंजेला मर्केल को 2022 का यूएनएचसीआर नानसेन रिफ्यूजी अवॉर्ड मिलेगा;
जिनेवा। संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी उच्चायुक्त (यूएनएचसीआर) ने घोषणा की है कि पूर्व जर्मन चांसलर एंजेला मर्केल को 2022 का यूएनएचसीआर नानसेन रिफ्यूजी अवॉर्ड मिलेगा। संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी द्वारा मंगलवार को जारी एक बयान में कहा गया कि, वह मैर्केल के नेतृत्व, साहस और करुणा के लिए चुना गया है। जिससे शरण की तलाश कर रहे लाखों हताश लोगों का संरक्षण सुनिश्चित करने में मदद मिली समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने यूएनएचसीआर के बयान के हवाले से बताया कि मर्केल के नेतृत्व में, जर्मनी ने 2015 और 2016 में 1.2 मिलियन से अधिक शरणार्थियों और शरण चाहने वालों का स्वागत किया। ये शरणार्थी सीरिया समेत अन्य स्थानों पर हिंसक संघर्ष व टकराव से जान बचाने के लिये जर्मनी पहुंचे थे।
यूएनएचसीआर ने कहा कि उस समय, तत्कालीन चांसलर ने अपने साथी जर्मनों से विभाजनकारी राष्ट्रवाद को खारिज करने का आह्वान किया और उनसे आत्मनिर्भर और स्वतंत्र, दयालु और खुले विचारों वाले होने का आग्रह किया।
शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र के उच्चायुक्त फिलिपो ग्रांडी ने शरण चाहने वालों की रक्षा करने और मानवाधिकारों, मानवीय सिद्धांतों और अंतरराष्ट्रीय कानून के लिए खड़े होने के लिए मर्केल के ²ढ़ संकल्प की प्रशंसा की। ग्रांडी ने कहा, लाखों शरणार्थियों को जीवित रहने और पुनर्निर्माण में मदद करके, एंजेला मर्केल ने महान नैतिक और राजनीतिक साहस का प्रदर्शन किया। उन्होंने आगे कहा, पूर्व जर्मन चांसलर ने युद्ध, उत्पीड़न और मानवाधिकारों के हनन से जान बचाकर भाग रहे लोगों की रक्षा के साथ-साथ, उनके स्वागत व समाज में एकीकरण के लिये भी अहम भूमिका निभाई। इसके लिए शिक्षा व प्रशिक्षण कार्यक्रमों, रोजगार योजनाओं व श्रम बजार एकीकरण जैसे कार्यक्रम शुरू किये गए।
यूएनएचसीआर का नानसेन रिफ्यूजी अवार्ड ऐसे व्यक्ति, समूह या संगठन को दिया जाता है, जिन्होंने शरणार्थियों, विस्थापितों और देशाविहीन लोगों की रक्षा के प्रयास किए हैं।